आने वाली पीढ़ियों से मत छीनिए उनका हरित भविष्य”
डा. विजय श्रीवास्तव संस्कृत का एक प्रसिद्ध वाक्य है— “अन्य क्षेत्रे कृतं पापं, तीर्थ क्षेत्रे विनश्यति; तीर्थ क्षेत्रे कृतं पापं, व्रजालेपो भविष्यति।” इसका अर्थ है कि अन्यत्र किए गए पाप…
डा. विजय श्रीवास्तव संस्कृत का एक प्रसिद्ध वाक्य है— “अन्य क्षेत्रे कृतं पापं, तीर्थ क्षेत्रे विनश्यति; तीर्थ क्षेत्रे कृतं पापं, व्रजालेपो भविष्यति।” इसका अर्थ है कि अन्यत्र किए गए पाप…