Tag: Changing Language In Political Slogans And Speeches From 1984 to 2025: From Dignity To Impermanence

1984 से 2025 तक राजनीति के नारों और भाषणों में बदलती भाषा : मर्यादा से अमर्यादा तक

लखनऊ(राष्ट्र की परम्परा डेस्क) भारतीय लोकतंत्र में चुनाव सिर्फ वोट पाने का माध्यम नहीं बल्कि विचारों और नीतियों की प्रतियोगिता भी होते हैं। नारे और भाषण इस लोकतांत्रिक यात्रा के…