गोरखनाथ की छावनी चौक से दो किलो मीटर दूर स्थापित देवी मन्दिर
निचलौल स्टेट के राजा रतनसेन की कुलदेवी थी सोनाड़ी माता
महराजगंज(राष्ट्र की परम्परा)
गुरु गोरखनाथ की छावनी कहे जाने वाली चौक नगर पंचायत क्षेत्र में स्थित जिला मुख्यालय से पन्द्रह किलोमीटर उत्तर में दक्षिणी चौक रेंज के घने जंगलों के बीच स्थापित, सोनाड़ी माता का मंदिर सैकड़ों साल से भक्तों के आस्था का केन्द्र है। वैसे तो इस स्थल पर प्रत्येक दिन श्रद्धालुओं के द्वारा पूजा पाठ किया जाता है। लेकिन शारदीय एवं वासन्तिक नवरात्र में इस स्थान पर भक्तों का ताता लगा रहता है। लोगों का मानना है कि जो भी सच्चे मन से मातारानी से अपनी इच्छा जाहिर करता है, उसकी मुराद अवश्य पूरी होती है। सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग के अन्तर्गत दक्षिणी चौक के जंगल में स्थित सोनाड़ी माता का मंदिर भगवान बुद्ध के जमाने से श्रद्धा व विश्वास का केन्द्र बना हुआ है । ऐतिहासिक कहानी इस मंदिर के साथ जुड़ी है लोगों का कहना है कि निचलौल स्टेट के राजा रतनसेन की कुलदेवी माता सोनाड़ी ही थीं । जहां पर राजा का परिवार जाकर माता का पूजन-अर्चन करता था, जिसका प्रमाण मंदिर से दो किमी उत्तर में स्थित जंगल हथिया हथिसार भी है । जहां पर राजा के हाथी , घोड़े बांधे जाते थे । यहां आज भी कई वर्षो से एक विशाल बरगद का पेड़ है जो आकर्षण का केन्द्र है, क्षेत्र के ओमप्रकाश पाण्डेय ,दुर्गेश जायसवाल ,राजेश , शरदेन्दु तिवारी,अशोक , मोहन , विश्वंभर पाण्डेय आदि लोगों ने इस स्थान की महिमा का बखान करते हुए बताया कि, जो भी सच्चे मन से माता से अपनी मनोकामना बताता है उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है। सूबे के मुख्यमंत्री व गोरखनाथ के पीठाधिश्वर योगी आदित्यनाथ का दौरा या कार्यक्रम होता है तो यहॉ पर माता के दर्शन करने के लिए आते रहते है |
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