

मातृत्व सुख से भी वंचित कर सकता है धूम्रपान
धूम्रपान निषेध दिवस, 13 मार्च पर विशेष
संत कबीर नगर(राष्ट्र की परम्परा)। धूम्रपान अथवा तंबाकू का किसी दूसरे रूप में सेवन से गर्भवती और उसके गर्भस्थ शिशु दोनों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार 15 वर्ष की लगभग 14 प्रतिशत बच्चियां किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करती हैं।
सुप्रसिद्ध चिकित्सक और कल्पित हॉस्पिटल की संचालिका डॉ. सोनी सिंह बताती है कि जो महिलाएं धूम्रपान करती हैं। उन्हें गर्भधारण में मुश्किलों का सामना करना होता है। धूम्रपान शरीर में विटामिन सी की मात्रा को काम करता है। जो कि आयरन के अवशोषण में अहम भूमिका निभाता है। इससे गर्भवती में खून की कमी भी हो सकती है। गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने से गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क और फेफड़ों के ऊतकों के नष्ट होने की संभावना भी होती है।
इसके साथ ही कुछ शोधों से यह निष्कर्ष भी सामने आए हैं कि नवजात को जन्मजात विकृति जैसे कटे होंठ (क्लेफ्ट लिप्स) भी हो सकते हैं तथा गर्भपात होने की संभावना भी होती है। इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज भी हो सकती है। साथ ही समय से पहले बच्चे का जन्म, मृत बच्चे का जन्म, जन्मजात विकृति, कम वजन के बच्चे का जन्म, प्रीएक्लेम्पसिया भी हो सकती है।
वर्ष 2021 मे इंटरनेशनल जर्नल ऑफ हेल्थ एंड साइंस में प्रकाशित शोध के अनुसार महिला द्वारा किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन उसके और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है। तंबाकू और उसके उत्पादों के सेवन से होने वाली मृत्यु और बीमारी को रोकने के लिए गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान नहीं करना चाहिए।
इस संबंध में कल्पित हॉस्पिटल डॉ. अनामिका मोदी, एमएस, स्त्री प्रसूति रोग विशेषज्ञ बताती हैं कि गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने वाली महिला के गर्भवती होने के पहले तीन महीने के भीतर गर्भपात हो सकता है। कई बार गर्भवास्था के 20 सप्ताह के बाद भी गर्भपात हो सकता है। धूम्रपान के दौरान तंबाकू के धुएं में मौजूद हानिकारक केमिकल्स भ्रूण के विकास को रोकने और उसे नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं। गर्भावस्था में धूम्रपान करने से मां के शरीर में ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा नहीं पहुंचती है, जिससे शिशु को सांस संबंधी परेशानी हो सकती है, साथ ही उसके मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान गर्भ में पल रहे भ्रूण को पोषक तत्व और ऑक्सीजन की सप्लाई करने का काम प्लेसेंटा करता है। इस दौरान धूम्रपान से महिलाओं में प्लेसेंटल दिक्कतें हो सकती हैं जिसकी वजह से गंभीर रूप से ब्लीडिंग हो सकती है और इसके कारण मां और बच्चे दोनों की जान को गंभीर खतरा रहता है। साथ ही जन्म के समय बच्चे का वजन कम हो सकता है। बच्चे को दिल की बीमारियों सहित सुनने और आंख से जुड़ी परेशानियां भी हो सकती हैं।
More Stories
रामलीला मैदान में एनजीओ संयोजक पर हमला, जान से मारने की धमकी; दूसरे पक्ष ने भी दी तहरीर
महन्थ पर जानलेवा हमला, नगरपालिका अध्यक्ष पर आरोप
युवती का संदिग्ध हालात में शव फंदे से लटका मिला, जांच में जुटी पुलिस