
अक्षय तृतीया का दिन दान-पुण्य,
गरीबों, जरूरतमंदों को दान करने,
सोना खरीदने, शुभ कार्य के लिए
अत्यंत शुभ मुहूर्त माना जाता है।
श्रद्धापूर्वक पूजा, दान पुण्य करना,
भौतिक सुख-समृद्धि प्राप्त करना,
भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और
परशुराम आशीर्वाद प्राप्त करना।
अक्षय तृतीया का बड़ा महत्व है,
इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु के
छठे अवतार भगवान परशुराम जी
का सतयुग में का जन्म हुआ था।
दस महाविद्याओं में नौवीं महाविद्या
मातंगी देवी का, नर नारायण और
हयग्रीव भगवान की जयंती भी
अक्षय तृतीया को मनाई जाती है।
अक्षय तृतीया संस्कृत के शब्द हैं,
‘अक्षय’ से जिसका अर्थ है ‘कभी
न घटने वाला’ और ‘तृतीया’, जो
तीसरे चंद्रमा दिवस को दर्शाता है।
यह शुभ दिन उन लोगों को समृद्धि,
सौभाग्य व सफलता प्रदान करता है
जो दान पुण्य का कार्य करते हैं,
और महत्वपूर्ण निवेश करते हैं।
आदित्य शुभ कार्य, विवाह, गृह प्रवेश,
व्यापार की शुरुआत, सोना खरीदने
के लिए भी उपयुक्त मानी जाती है,
अक्षय तृतीया इसीलिए शुभ तिथि है।
डा० कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’
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