राकांपा ( शरद चंद्र पवार गट) के मुंबई उपाध्यक्ष संजीव उपाध्याय ने आयुक्त भूषण गागरानी से तात्कालिक समाधान की मांग की”
मुंबई (राष्ट्र की परम्परा) मनपा द्वारा संचालित अस्पतालों में दवाओं की घोर किल्लत व्याप्त है। जबकि दवाई खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है।. लेकिन दवाइयों की किल्लत अभी भी बरकरार है। बताया जाता है कि डॉक्टर दवाइयां लिख रहे हैं, लेकिन अस्पताल में दवाइयां नहीं मिल रही हैं। जिसके कारण मरीजों को ज्यादातर दवाइयां मेडिकल स्टोरों से खरीदनी पड़ रही हैं। बता दें कि जून महीने में दवाइयों की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। लेकिन हकीकत में दवाइयां मनपा के कई अस्पतालों तक नहीं पहुंच रही हैं.।जुलाई से अस्पतालों में मुफ्त दवाइयां मिलनी सुनिश्चित की गई थी। किंतु सितंबर माह के तीन सप्ताह बीत जाने के बाद भी दवाइयों को लेकर मरीज परेशान हैं ।
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बता दें कि मनपा के अस्पतालों, क्लीनिकों, स्वास्थ्य केंद्रों और प्रसूति वार्डों में मरीजों को मुफ्त दवाइयां देने का नियम है। वर्ष 2022 में दवाइयों की आपूर्ति का अनुबंध रद्द होने के बाद दवा आपूर्ति बाधित हो गई थी। उस दौरान लगभग 2 हजार करोड़ रुपये की दवाएं खरीदने की प्रक्रिया शुरू की गई थी, यह सफल न होने के कारण मनपा ने पुराने नियमों के अनुसार टेंडर की प्रक्रिया को अंतिम रूप देकर उसे मंजूरी दी थी. इसके तहत 1100 से 1200 करोड़ रुपये की दवाइयों और चिकित्सा सामग्री खरीदने की प्रक्रिया अमल में लाई जा रही थी।
वर्ष 2022 में दवाओं की आपूर्ति के लिए नियुक्त कंपनियों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद उन्हें आपूर्ति के लिए विस्तार दिया गया था। इसके बाद स्थानीय स्तर पर दवाओं की खरीद की मंजूरी दी गई थी. मनपा टेंडर प्रक्रिया पूरी करके नई संशोधित सूची के तहत 1100 से 1200 करोड़ रुपये की चिकित्सा आपूर्ति खरीद प्रक्रिया पर अमल कर रही थी. उम्मीद थी कि जुलाई से दवाइयां सभी मनपा अस्पतालों में उपलब्ध हो जाएंगी, लेकिन सिंतबर माह के तीन सप्ताह बीत जाने के बाद भी हालात जस के तस हैं।
इसे भी पढ़ें – https://rkpnewsup.com/retired-police-officer-shoots-his-brother-to-death-land-dispute-the-reason/ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चन्द्र पवार गट )के मुंबई उपाध्यक्ष व पहला अपराध समाचार पत्र के संपादक संजीव उपाध्याय ने बताया कि मुंबई मनपा का सालाना बजट देश के कई छोटे राज्यों से कहीं ज्यादा है। किंतु दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि मनपा द्वारा संचालित अस्पतालों में मौजूदा समय में दवाओं की घोर किल्लत व्याप्त है। जबकि लाखों मरीज प्रति दिन मनपा अस्पतालों के ओपीडी विभाग में इलाज के लिए आते हैं। मनपा प्रशासन को गंभीरता से इस मसले का हल निकालना चाहिए। संजीव उपाध्याय ने मनपा आयुक्त से से मांग की है कि मनपा अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओं और दवाओं की आपूर्ति जल्द से जल्द कराएं जिससे की मरीजों को राहत मिल सके।
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