संत कबीर नगर(राष्ट्र की परम्परा)। राष्ट्रीय राजमार्ग बीएमसीटी मार्ग से निकलकर रेशमपुर से बीमापार तक प्रस्तावित बाईपास निर्माण की गतिविधि तेज हो गई है। इसको लेकर अब प्रस्तावित बाईपास निर्माण बीच पड़ रहे 15 गांवों की जमीनों को आबादी घोषित करने पर रोक लगाई गई है। शासन से पत्र जारी होने के बाद उपजिलाधिकारी मेंहदावल ने तत्काल प्रभाव से इसपर रोक लगा दिया है। इससे अब कृषि योग्य जमीनों को आबादी घोषित नहीं कराया जा सकेगा। मेंहदावल तहसील प्रशासन के इस कदम से बाईपास निर्माण की अटकलों को बल मिल रहा है।
ज्ञातव्य है कि राष्ट्रीय राजमार्ग बीएमसीटी के चौड़ीकरण व मेंहदावल के रेशमपुर से बीमापार तक बाईपास निर्माण का प्रस्ताव केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने स्वीकृत किया है। बाईपास निर्माण की स्वीकृति के बाद से इन गांवों के आसपास की जमीनों को तेजी के साथ लोग कृषि योग्य जमीनों को आबादी घोषित करा रहे थे। जिससे उन्हें मुआवजा ज्यादा मिले। अब इसपर शासन स्तर से पत्र जारी होने के बाद उपजिलाधिकारी मेंहदावल अरुंण कुमार ने जमीनों के आबादी घोषित करने पर रोक लगा दिया है। मेंहदावल के कैथवलिया, ककटहा, ककटही, इमिलीडीहा, फरदहा, टडुआ, मंझरिया तिवारी, कुसुम्हा, बीमापार सहित 15 गांवों की भूमि को आबादी घोषित करने पर रोक लगाई गई है। इसके साथ ही अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को पत्र जारी करते हुए लिखा गया है कि इन गांवों की जमीनों के प्रकृति में कोई बदलाव न किया जाय। जिससे शासकीय क्षति से बचा जा सके। शासन के पत्र के बाद व तहसील प्रशासन के रोक लगाने के बाद स्थानीय लोगों में बाईपास निर्माण को लेकर चर्चा तेज है।
इस सम्बंध में उप जिलाधिकारी मेंहदावल अरुण कुमार ने बताया कि शासन स्तर से पत्र मिलने के बाद जिन गांवों से बाईपास निर्माण का प्रस्ताव हैl उन गांवों की भूमि को आबादी घोषित करने पर रोक लगाई गई है। अब इन गांव में कृषि योग्य जमीनों को आबादी घोषित नहीं किया जाएगा। इसका पालन सख्ती से कराया जा रहा है। किसी प्रकार की लापरवाही मिलने पर कड़ी कार्रवाई होगी।
संत कबीर नगर(राष्ट्र की परम्परा)। राष्ट्रीय राजमार्ग बीएमसीटी मार्ग से निकलकर रेशमपुर से बीमापार तक प्रस्तावित बाईपास निर्माण की गतिविधि तेज हो गई है। इसको लेकर अब प्रस्तावित बाईपास निर्माण बीच पड़ रहे 15 गांवों की जमीनों को आबादी घोषित करने पर रोक लगाई गई है। शासन से पत्र जारी होने के बाद उपजिलाधिकारी मेंहदावल ने तत्काल प्रभाव से इसपर रोक लगा दिया है। इससे अब कृषि योग्य जमीनों को आबादी घोषित नहीं कराया जा सकेगा। मेंहदावल तहसील प्रशासन के इस कदम से बाईपास निर्माण की अटकलों को बल मिल रहा है।
ज्ञातव्य है कि राष्ट्रीय राजमार्ग बीएमसीटी के चौड़ीकरण व मेंहदावल के रेशमपुर से बीमापार तक बाईपास निर्माण का प्रस्ताव केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने स्वीकृत किया है। बाईपास निर्माण की स्वीकृति के बाद से इन गांवों के आसपास की जमीनों को तेजी के साथ लोग कृषि योग्य जमीनों को आबादी घोषित करा रहे थे। जिससे उन्हें मुआवजा ज्यादा मिले। अब इसपर शासन स्तर से पत्र जारी होने के बाद उपजिलाधिकारी मेंहदावल अरुंण कुमार ने जमीनों के आबादी घोषित करने पर रोक लगा दिया है। मेंहदावल के कैथवलिया, ककटहा, ककटही, इमिलीडीहा, फरदहा, टडुआ, मंझरिया तिवारी, कुसुम्हा, बीमापार सहित 15 गांवों की भूमि को आबादी घोषित करने पर रोक लगाई गई है। इसके साथ ही अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को पत्र जारी करते हुए लिखा गया है कि इन गांवों की जमीनों के प्रकृति में कोई बदलाव न किया जाय। जिससे शासकीय क्षति से बचा जा सके। शासन के पत्र के बाद व तहसील प्रशासन के रोक लगाने के बाद स्थानीय लोगों में बाईपास निर्माण को लेकर चर्चा तेज है।
इस सम्बंध में उप जिलाधिकारी मेंहदावल अरुण कुमार ने बताया कि शासन स्तर से पत्र मिलने के बाद जिन गांवों से बाईपास निर्माण का प्रस्ताव हैl उन गांवों की भूमि को आबादी घोषित करने पर रोक लगाई गई है। अब इन गांव में कृषि योग्य जमीनों को आबादी घोषित नहीं किया जाएगा। इसका पालन सख्ती से कराया जा रहा है। किसी प्रकार की लापरवाही मिलने पर कड़ी कार्रवाई होगी।
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