मुंबई(राष्ट्र की परम्परा)
संतोषी बांगर को महाराष्ट्र का प्रसिद्ध हिरकनी पुरस्कार से सम्मानित किया गया । वे पिछले 27 वर्षों से गायत्री विद्यामंदिर भांडुप में काम कर रहे थे। साल 2021 में उनकी स्थानांतरण पवई के तीरंदाज व्हिलेज म्युनिसिपल स्कूल में किया गया। वर्ष 2023 से बी. पी.ई.एस अंग्रेजी माध्यम स्कूल में अध्यापन का पवित्र कार्य कर रहे हैं। संतोषी बांगर को महाराष्ट्र की प्रतिष्ठित संस्था सुनिर्मल फाउंडेशन दादर द्वारा महाराष्ट्र के हिरकनी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। अपनी शैक्षणिक सेवा में उन्होंने अनेक नवीन गतिविधियों को क्रियान्वित कर विद्यार्थियों की विद्यालय गुणवत्ता में वृद्धि की है। कोरोना काल के दौरान उन्होंने ऑनलाइन शिक्षण में शैक्षणिक वीडियो बनाये हैं। शैक्षणिक ,सामाजिक और साहित्यिक कलाओं में उनके नवाचार की मान्यता के लिए उन्हें 2023 में राज्य स्तरीय शिक्षण महर्षि आदर्श शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया, साथ ही इस वर्ष 8 मार्च को महाराष्ट्र के प्रसिद्ध सुनिर्मल फाउंडेशन की ओर से शैक्षणिक ,सामाजिक एवं साहित्यिक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली महिलाओं को उनकी शैक्षिक, सामाजिक एवं साहित्यिक कलाओं के सम्मान में विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है। हर साल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, इस वर्ष, महाराष्ट्र का हिरकनी, जिसे एक सम्मान माना जाता है, संतोषी संपत बांगर को उनके शैक्षिक, साहित्यिक और सामाजिक कार्यों के लिए गणमान्य व्यक्तियों द्वारा प्रदान किया गया है। इस पुरस्कार समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ पत्रकार राही भिडे, राजेंद्र घरत, पूर्व महापौर स्नेहल अंबेकर, पूर्व महापौर महादेव देवले की उपस्थिति में उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया गया।
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