October 23, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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संविधान बनाया नहीं गया बल्कि इसको सामाजिक परिवर्तन के यन्त्र के रूप में अंगीकृत किया गया: प्रो. सुबीर भटनागर

विधि के 10 दिवसीय ऑनलाइन वैल्यू एडेड कोर्स का शुभारंभ

गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के विधि विभाग द्वारा तीस घंटे का ऑनलाइन वैल्यू एडेड कोर्स का शुभारंभ गुरुवार को हुआ।
उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि राम मनोहर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, लखनऊ के पूर्व कुलपति प्रो. सुबीर के भटनागर रहे एवं कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रो. भटनागर ने प्रसिद्ध न्यायशास्त्री ग्रेनविल आस्टिन का भारतीय संविधान के लिए कहे गए कथन “संविधान सामाजिक क्रांति का दस्तावेज है” का विश्लेषण करते हुए कहा है कि संविधान बनाया नहीं गया है। बल्कि इसको सामाजिक परिवर्तन के यन्त्र के रूप में अंगीकृत किया गया है, और ऐसा सामाजिक परिवर्तन हमेंशा विधि से मार्गदर्शित होना चाहिए।
वृद्धि और विकास में अन्तर को रेखांकित करते हुए प्रो भटनागर ने कहा कि विकास सामाजिक धारा की विषय वस्तु है और यह वृद्धि से भिन्न है। विकास का क्रम संविधान से प्रेरित होना चाहिए। संविधान में जो अपरिवर्तनीय है वह है मूल संरचना अर्थात बेसिक स्ट्रक्चर। जिस प्रकार संविधान परिवर्तनीय है, उसी प्रकार संविधानवाद भी परिवर्तन का विषय है, जो सरकार और संसद के ऊपर शक्ति सीमा का निर्धारण करता है।
इस सम्बन्ध में उन्होंने साउथ अफ्रीका के ट्रान्सफार्मेटिव संविधानवाद की संकल्पना पर विस्तृत प्रकाश डाला।
प्रो. भटनागर ने नीति निदेशों, सामान्य अवधारणाओं, अन्य निर्देशों और सांविधानिक नैतिकता पर भी विस्तृत प्रकाश डाला ।
कार्यक्रम में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने विभागाध्यक्ष सहित पूरी टीम को बधाई देते हुए प्रो .सुबीर कुमार भटनागर का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे विद्वानों के मार्गदर्शन में विधि विभाग नई ऊंचाइयां प्राप्त करेगा। उन्होंने कहा कि गोरखपुर विश्वविद्यालय का विधि विभाग पूर्व में भी अपने योगदान को बहुत स्तरीय रखा और उस क्रम में नई कड़ियों का जुड़ना जारी है।
विशेष रूप से कुलपति ने रेखांकित किया कि सेमेस्टर परीक्षाएं समाप्ति की ओर हैं और इसी क्रम में विधि विभाग ने वैल्यू एडेड कोर्स को संचालित कर अपनी भूमिका को विशेष बनाने में कामयाब रहा| उन्होंने विधि के क्षेत्र में अपार सम्भावनाओं पर प्रकाश डालते हुए, विधि विभाग की उसमें उपयुक्तता को सराहा।
प्रो टंडन ने कहा कि ऐसे आयोजन विभाग के विद्यार्थियों के ज्ञान में महती भूमिका अदा करता है। पूरे विभाग को कुलपति ने कार्यक्रम के सफलतापूर्वक संचालन के लिए बधाई दिया।
इससे पूर्व कार्यक्रम के संयोजक प्रो. जितेंद्र मिश्र ने सभी अतिथियों का स्वागत किया एवं विभाग के अध्यक्ष एवं अधिष्ठाता प्रो. अहमद नसीम ने विषय प्रवर्तन किया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. आशीष शुक्ल एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. टीएन मिश्र ने किया।
कार्यक्रम में विधि विभाग के समस्त सहायक आचार्य एवं वैल्यू एडेड कोर्स में पंजीकृत छात्र- छात्राएँ बड़ी संख्या में जुड़े रहे।