April 19, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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मुक्ति कभी अकेले नहीं मिलती : प्रोफेसर पूनम टंडन

गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के केंद्रीय ग्रंथालय द्वारा आयोजित मिशन शक्ति के जागरूकता अभियान की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने कहा कि मुक्ति कभी अकेले की नहीं होती। मुक्ति सदैव सामूहिक मिलती है। इतिहास गवाह है कि जब भी हम मिलकर लड़े हैं तो बड़ी से बड़ी नकारात्मक शक्तियों को भी विफल किया है। जंग-ए-आजादी इसका सबसे खूबसूरत उदाहरण है। रावण पर राम की विजय भी समूह की शक्ति और विश्वास का द्योतक है। स्त्री पुरुष संबंधों में भी ‘मैं’ से ‘पर’ की यात्रा से ही उनका जयघोष होता है। अकेले स्त्री या पुरुष की मुक्ति संभव नहीं। दोनों को अपनी मुक्ति के लिए सामूहिक चेतना का विकास करना होगा। तभी सच्चे अर्थों में समाज में मानवीय तंत्र सजीव हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि जहां तक बच्चियों के विकास की बात है तो समाज उनका चतुर्दिक सहयोग कर रहा है। जरूरत है तो बच्चियों के स्वयं के समर्पण की। समाज को दहेज और घरेलू हिंसा पर जीरो टॉलरेंस की रणनीति अख्तियार करने की जरूरत है। मुख्य अतिथि प्रतिकुलपति प्रोफेसर शांतनु रस्तोगी ने अपने संबोधन में कहा कि जिस समाज में नारी को देवी का दर्जा दिया गया हो वहां यह विचारणीय है कि उनकी दुर्दशा क्यों हो रही है! हमें मिलकर यह प्रयास करना होगा मिशन शक्ति जैसे अभियान की आवश्यकता को समाप्त किया जा सके। यह तभी संभव होगा जब स्त्रियां पूर्णरूपेण सशक्त, स्वावलंबी एवं विकसित हो सकेंगी। विशिष्ट अतिथि अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर अनुभूति दुबे ने अपने संबोधन में कहा कि जननी सुरक्षा योजना, कन्या सुमंगला योजना समेत सरकार की तमाम योजनाएं महिलाओं के जीवन को सहज बना रही हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी मशाल की तरह से हैं जो अपने परिवेश को स्त्रियों के स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं स्वावलंबन के संदर्भ में सशक्त कर सकते हैं। इस कार्यक्रम में स्वागत वक्तव्य ग्रंथालयी डॉक्टर विभाष कुमार मिश्र ने दिया। इसके साथ ही उन्होंने आभार भी प्रकट किया। मिशन शक्ति फेज 5 की नोडल अधिकारी प्रोफेसर विनीता पाठक ने कार्यक्रम की क्रमशः सफलता पर हर्ष प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर सूर्यकांत त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर गुरु गोरक्षनाथ शोधपीठ के निदेशक डॉ. कुशल नाथ मिश्र, प्रोफेसर उपेंद्र नाथ त्रिपाठी, प्रोफेसर मनीष मिश्रा, डॉ. मनीष पाण्डेय, डॉ. मनोज कुमार द्विवेदी, एसएन पांडेय, ,योगेंद्र यादव एवं सीमा प्रयाग चौधरी समेत विभिन्न विभागों के विद्यार्थी भी मौजूद रहे।