बलिया( राष्ट्र की परम्परा)
लोगों के आस्था का केंद्र बना सहजानंद बाबा का मठ सरजू नदी के कटान में मंगलवार को देर रात्रि समाहित हो गया। बताया जा रहा है कि टीएस बांध के उस पार बिन्द बस्ती से थोड़ी दूर ग्राम सभा चाँदपुर में स्थित सहजानंद बाबा का मठिया था। जहाँ आस-पास के हर बिरादरी के लोग सहजानंद बाबा मे श्रद्धा रखते थे और किसी भी नया कार्य में उनका पूजा पाठ अवश्य करते थे।उन लोगों का मानना है कि सहजानंद बाबा से जो कुछ भी मनौती मांगी जाती थी । वह पूर्ण हो जाता था। उनकी महिमा की चर्चा इतनी थी कि दियरान्चल ही नहीं , बल्कि क्षेत्र के आसपास के लोगों के लिए भी पूजनीय हो गये थे। बताया जा रहा है कि सन 1972 में बाबा कहीं से आकर उसी जगह पर ब्रह्मलीन हो गए थे । तभी से क्षेत्र के आसपास के लोग वहां पूजा-पाठ भजन कीर्तन करते थे। वह भी मंगलवार को घाघरा के चपेट में आकर सरयू नदी में समाहित हो गये। पूजा पाठ कर रहे वहां के लोग खड़े होकर अपने पुजनीय बाबा को नदी में समाहित होते रुआंसे मन से देखने के शिवाय कुछ न कर सके।
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