July 7, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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गोरखपुर कैंट – कुसमही रेल खण्ड के मध्य तीसरी नव निर्मित विद्युतीकृत लाइन का संरक्षा परीक्षण

वाराणसी(राष्ट्र की परम्परा) यात्री सुविधाओं के उन्नयन एवं परिचालन सुगमता हेतु मूलभूत ढांचे में विस्तार के क्रम में 11 सितम्बर, 2023 को पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर कैण्ट-कुसम्ही रेल खण्ड के मध्य तीसरी नव निर्मित विद्युतीकृत लाइन का संरक्षा परीक्षण रेल संरक्षा आयुक्त, उत्तर पूर्व सर्किल मनोज अरोड़ा ने पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी/निर्माण एस.सी. श्रीवास्तव, मण्डल रेल प्रबन्धक/वाराणसी विनीत कुमार श्रीवास्तव, अपर मण्डल रेल प्रबन्धक (इंफ्रा)/वाराणसी राहुल श्रीवास्तव, मुख्य इंजीनियर/निर्माण एस.के. कन्नौजिया, मुख्य इंजीनियर/निर्माण अखिलेख कुमार त्रिपाठी, मुख्य विद्युत डिजाइन इंजीनियर/निर्माण सुरेश कुमार, मुख्य सिगनल एवं दूर संचार इंजीनियर/निर्माण नीलाभ महेश,वरिष्ठ मंडल इंजीनियर/समन्वय राकेश रंजन ,वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक ए पी सिंह, वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी बलेंद्र पॉल , वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर (कर्षण) आर एन सिंह , वरिष्ठ मंडल सिगनल एवं दूरसंचार इंजिनियर यशवीर सिंह समेत निर्माण संगठन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया। इसके उपरान्त रेल संरक्षा आयुक्त, उत्तर पूर्व सर्किल मनोज अरोड़ा ने गोरखपुर और गौरखपुर कैंट के मध्य मेजर पुल संख्या 176 का भी निरीक्षण किया।
इस परियोजना के पूर्ण हो जाने से गोरखपुर कैण्ट स्टेशन सेटेलाइट स्टेशन के रूप में विकसित हो जायेगा तथा यहाँ पर लाइनें एवं प्लेटफार्म संख्या बढ़ जायेंगी तथा यहाँ से अधिक गाड़ियाँ चलाई जा सकेंगी। तीसरी लाइन के निर्माण से लाइन क्षमता में विस्तार होने के फलस्वरूप अधिक गाड़ियों का संचलन होगा तथा गाड़ियों के समय पालन में सुधार होगा और यात्री संतुष्टि में वृद्धि होगी। इसके साथ ही इस रेल खण्ड पर चलने वाली मालगाड़ियों के संचलन समय मे भी कमी आयेगी जो व्यापारियों के लिये उपयोगी सिद्ध होगा।
अपने निरीक्षण के आरम्भ में रेल संरक्षा आयुक्त मनोज अरोड़ा ने गोरखपुर कैंट रेलवे स्टेशन पर तीसरी नई विद्युतीकृत रेल लाइन के मानक के अनुरूप संरक्षा अभिलेखों, यार्ड प्लान, स्टेशन वर्किंग रूल, प्लेटफार्म क्लियरेंस, पॉइंट क्रासिंग, सिगनलिंग, फाउलिंग मार्क, पैनल इन्टरलॉकिंग, बैटरी रूम, रिले रूम सहित गोरखपुर कैंट कुसम्ही रेलखण्ड को जोड़ने वाली लाइन के ट्रेलिंग प्वाइंट आदि का गहन निरीक्षण किया तथा स्टेशन मास्टर से संरक्षा संबंधी प्रश्न पूछकर संरक्षा कार्य कुशलता परखी। तदुपरान्त मोटर ट्राली से गोरखपुर कैण्ट-कुसम्ही रेल खण्ड पर नवनिर्मित तीसरी लाइन का निरीक्षण करते हुये कर्वेचर संख्या-3 ‘ए‘ एवं 3 ‘बी‘ पर पहुँचे और कर्व के इन्डेन्ट एवं ओवर हेड ट्रैक्शन पर अभिकेन्द्र त्वरण का मापन किया, तदुपरांत वे मोटर ट्राली से इस खण्ड में पड़ने वाले ब्रिज संख्या 173 एवं तारानाला स्थित ब्रिज संख्या 175 ‘ए‘ पर वेल्डिंग एवं रिपिटेड ज्वाइंट्स की जाँच सहित तीसरी लाइन परियोजना के अंतर्गत नये बने ब्रिज के फाउंडेशन, पिलर, अप्रोच, गर्डर, कांक्रीट ब्लॉक, फिटिंग्स तथा अनुरक्षण हेतु आवश्यक व्यवस्थाओं जैसे सुरक्षित वाक पाथ आदि का गहन संरक्षा निरीक्षण किया और सम्बन्धित को तद्नुसार निर्देश दिया। इस दौरान उन्होंने समपार फाटक सं-115 ‘सी‘ का संरक्षा निरीक्षण किया और गेट मैन का संरक्षा ज्ञान परखा। अपने निरीक्षण के क्रम में संरक्षा आयुक्त ने इस खण्ड के रेलवे क्रॉसिंगों पर चेतावनी बोर्ड एवं हाइट गेजों का संस्थापन भी सुनिश्चित किया। निरीक्षण के अंत में रेल संरक्षा आयुक्त ने किमी. सं-497/15 पर स्विच एक्स्टेंशन ज्वाइंट का निरीक्षण किया तदुपरांत वे कुसम्ही स्टेशन के फेसिंग प्वाइंट सं-202 ‘ए‘ पर पहुँचे और पॉइंट का गेज परीक्षण एवं दूसरे प्वाइंट्स से तारतम्यता का सूक्ष्म निरीक्षण किया। इसके साथ ही रेल संरक्षा आयुक्त ने कुसम्ही स्टेशन की रनिंग एवं साइडिंग लाइनों से नई तीसरी लाइन की कनेक्टिविटी भी जाँची और स्टेशन पर तीसरी लाइन के अनुरूप नये यार्ड प्लान, स्टेशन वर्किंग रूल, स्टेशन पैनल, प्वाइंट्स एण्ड क्रॉसिंग एवं नये स्थापित सिगनलों का निरीक्षण किया।
इस दौरान रेल संरक्षा आयुक्त ने गोरखपुर कैण्ट-कुसम्ही ब्लॉक सेक्शन के ट्रैक्शन एवं ओवर हेड लाइन क्रासिंग का परिमापन किया और ट्रैक्शन लाइन से हाई टेंशन पॉवर लाइन की मानक दूरी सुनिश्चित की। निरीक्षण के क्रम में उन्होंने इस रेल खण्ड पर पड़ने वाले समपार फाटकों पर तीसरी लाइन के अनुरूप किए गए बदलाव का निरीक्षण किया और संरक्षा में उपयोगी सेफ्टी उपकरणों की जाँच की साथ ही गेट मैंनों का संरक्षा ज्ञान परखा। इस खण्ड के रेलवे क्रासिंगों पर चेतावनी बोर्ड एवं हाइट गेजों का निरीक्षण किया।
रेल संरक्षा आयुक्त श्री मनोज अरोड़ा ने अपने निरीक्षण के पश्चात इस विद्युतीकरण के साथ नवनिर्मित तीसरी लाइन पर सी.आर.एस. स्पेशल ट्रेन से कुसम्ही से गोरखपुर कैण्ट रेल खण्ड का अधिकतम 120 किमी. प्रति घंटा की गति से स्पीड ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा किया।