July 14, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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पंजीकृत कृषक उत्पादक संगठकों को सक्रिय रूप से कार्य करने की आवश्यकता

बस्ती(राष्ट्र की परम्परा) प्रदेश में कृषि आधारित कार्य पर 65 प्रतिशत आबादी को रोजगार मिलता है। इसको बढाने के लिए कम्पनी अधिनियम तथा शक्तिपोर्टल पर पंजीकृत कृषक उत्पादक संगठको (एफ.पी.ओ.) को सक्रिय रूप से कार्य करने की आवश्यकता है। उक्त जानकारी संयुक्त निदेशक कृषि अविनाश चन्द्र तिवारी ने दी है। वे आयुक्त सभागार में एफ.पी.ओ. की मण्डल स्तरीय मानीटरिंग समिति की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होने कहा कि पंजीकृत एफपीओ को 9 से 11 प्रतिशत ब्याज पर 05 लाख रूपये तक का ऋण दिया जाता है। इस पर 4 प्रतिशत धनराशि अनुदान के रूप में होती है। उन्होने कहा कि किसानों को बीज उत्पादन करने पर ज्यादा फायदा मिलता है। गेहॅू, धान के मूल्य से लगभग 1500 रूपये अधिक कीमत पर बीज बिकता है। साथ ही सरकार द्वारा 2 साल का बीज उत्पादन में अनुभव होने के बाद 04 लाख रूपये का अनुदान दिया जाता है। इसके अलावा रू0 1.20 करोड़ के कृषि यंत्रों पर 60 लाख रूपये तक का अनुदान दिया जाता है। एफपीओ को कम से कम 50 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बीज उत्पादन करना चाहिए।
उन्होने कहा कि पशुपालन, उद्यान, शहद एवं मशरूम उत्पादन, खाद्य प्रसंस्करण एवं कृषि से जुडे़ अन्य कार्यो पर भी एफपीओ विभागीय योजनाओं का लाभ लेते हुए कार्य कर सकते है। उन्होने कहा कि एफपीओ का मुख्य उद्देश्य संगठित होकर किसानों के हित में कार्य करना है, जिससे की उनकी खेती में लागत कम हो, बिचौलिए हटाये जा सके तथा बिक्री से होने वाला लाभ सीधे किसानों को मिल सकें।
उपनिदेशक मत्स्य बृजेश कुमार ने बताया कि एफपीओ द्वारा मछुआ समूह गठित करके तालाब में मत्स्य पालन कर सकते है, इससे उनकी आय में वृद्धि होंगी। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक ने बताया कि नन्दबाबा योजना के अन्तर्गत देशी नस्ल की दो गाय रखने पर 10 हजार रूपये का अनुदान दिया जाता है। सहभागिता योजना के अन्तर्गत पशुपालक अधिकतम 4 गाय गोसंरक्षण केन्द्र से लेकर पालन कर सकता है। इसके लिए उसे 50 रूपये प्रतिपशु प्रतिदिन के हिसाब से उसके भूसा एवं चारा के लिए दिया जाता है। मोबाइल चिकित्सा वैन टोल फ्री नम्बर-1062 पर फोन करके पशु के इलाज के लिए बुलाया जा सकता है।
डीडीएम नाबार्ड मनीष कुमार ने बताया कि एफपीओ कम्पनी अधिनियम के तहत गठित किया जाता है, इसलिए इसको कम्पनी की तरह कार्य करना होगा। इसका उद्देश्य लागत कम करना तथा अधिक से अधिक लाभ अर्जित करना है। इस अवसर पर उप निदेशक कृषि अशोक कुमार गौतम, अरविन्द कुमार विश्वकर्मा, मो0 मुजम्मिल तथा बस्ती, सिद्धार्थनगर एवं संतकबीर नगर के विभागीय अधिकारी एवं एफपीओ के निदेशकगण उपस्थित रहें।