राम देखे सिया को सिया राम को अखियां लड़ी की लड़ी रह गई
भागलपुर/ देवरिया(राष्ट्र की परम्परा) बरहज तहसील के भागलपुर ग्राम में राम कथा के दूसरे दिन राम लक्ष्मण के जनकपुर पहुंचने पर मिथिला धन्य हो गई। गुरुदेव के पूजन अर्चन के लिए राम लक्ष्मण पुष्प वाटिका में पुष्प लेने जाते हैं। जहां राम देखे सिया को सिया राम को चारों अखियां लड़ी की लड़ी रह गई।
भागलपुर की पावन धरा पर प्रवचन के दूसरे दिन कथा वाचिका नीलम गायत्री द्वारा जनकपुर में राम लक्ष्मण के पहुंचने पर वहां का वातावरण किस प्रकार बदल जाता है। भक्तिमय हो जाता है। इसका वर्णन अति सुंदर मनभावन रूप में किया। उन्होंने कहा की भगवान को अगर श्रद्धा पूर्वक बुलाया जाए तो उनके पिता भी आ जाते हैं। जिस प्रकार भगवान राम, लक्ष्मण जनकपुर में जाते हैं और वहां स्वयंवर होता है तो राजा दशरथ भी वहां पहुंचते हैं, यानी कि भगवान राम के पिता भी वहां विराजमान हो जाते हैं। तो भक्त के बस में भगवान है। बस उसे निश्चल याद करने की जरूरत है। उन्होंने पुष्प वाटिका से लेकर नगर भ्रमण तक की वर्णन किया। राम को देखते ही मिथिला की सभी नर नारी सुध_ बुध खो बैठते हैं। खुशी का माहौल हो जाता है। ऐसे पुरुषोत्तम भगवान राम का मात्र चरण कमल से वहा की धरती धन्य हो जाती है। यहा सीता जी द्वारा जनकपुर धाम धन्य हो गया। इस अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ,अरविंद पाण्डेय, शत्रुधन ठठेरा, शिव प्रताप सिंह, सतीश जायसवाल, राम मिश्रा, भाग उदय पांडे,ज्ञानेश्वर जैसवाल, शिव शंकर जायसवाल, उदय प्रताप सिंह, अवधनारायण मिश्र, ज्ञान प्रजापति,केशकुमार जायसवाल ,अंब्रिश पाण्डेय , अली चौधरी इस पतित पावनी मां सरयू के पावन तट पर उपस्थित रहे।
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