जैसे चाय में भिगोकर बिस्किट खाने
से ज़रा सी देर में ही घुल जाता है,
वैसे ही जीवन में अवसर मिले उसका
उपयोग न हो तो लौट नही आता है।
सपने देखने के लिए जमीन पर
बिस्तर लगा कर सोना जरूरी है,
आसमान में देखने से सपने पूरे हों
तो धरा पर पैर ही क्यों रखना पड़े।
सब कुछ सभी को मिल जाए तो
जीवन जीने का आनन्द ही क्या,
जीने के लिए कुछ कमी भी हर
इंसान के जीवन में होना जरूरी है।
समय समय पर चलते रहने से शरीर,
चलाते रहने से सम्बन्ध स्वस्थ रहते हैं
नियमित सुबह की सैर एवं बने हूये
सम्बंध इस से सदैव स्वस्थ रहते हैं।
जीवन में दो मित्र ऐसे होने चाहिए जो
श्रीकृष्ण की तरह बिना लड़े मित्र को
विजय दिलवा सके, और दुसरा कर्ण
जो हार सामने हो पर साथ ना छोड़े।
हे प्रभु बेड़ा पार लगाओ धरती का,
तुम ही हो इस जग के पालनहार,
संकट से उद्धार करो हे सृजनहार,
एक बार धरती पर लेकर अवतार।
श्री राम के रूप में फिर आओ,
विपदा से इस दुनिया को उबारो,
राम राज्य फिर आ जाये भारत में,
रावण रूपी अहंकार से उद्धार करो।
श्री कृष्ण के रूप में आ जाओ,
द्रौपदी का संकट फिर छाया है,
चीरहरण से आदित्य उन्हें बचाओ,
दुराचारियों को आकर मिटाओ।
देवरिया (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)भारत में हर साल बाढ़ और सूखा किसानों की ज़िंदगी को…
महराजगंज(राष्ट्र की परम्परा)। पुरानी पेंशन व्यवस्था एक समय सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवारों के जीवन…
सुनीता कुमारीबिहार आन्या अपनी खिड़की के बाहर झांक रही थी। नीचे सड़क पर ट्रैफिक का…
*पुनीत मिश्र* हिंदी कविता के विस्तृत आकाश में शिवमंगलसिंह ‘सुमन’ का नाम उस ध्रुवतारे की…
छात्रवृत्ति रोके जाने के विरोध मेंसौंपेगा राज्यपाल को ज्ञापन रांची ( राष्ट्र की परम्परा)आजसू छात्र…
रामगढ़/रांची ( राष्ट्र की परम्परा )भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओ ने रामगढ़ जिला समाहरणालय में…