
नईदिल्ली /ब्यूनस आयर्स(राष्ट्र की परम्परा डेस्क ब्यूरो) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी ऐतिहासिक पांच देशों की विदेश यात्रा के तीसरे चरण में शनिवार को अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स पहुंचे। यह यात्रा न केवल भारत और अर्जेंटीना के द्विपक्षीय संबंधों में एक नया मोड़ है, बल्कि यह पिछले पाँच दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली आधिकारिक यात्रा भी है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले 1968 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस दक्षिण अमेरिकी राष्ट्र का दौरा किया था।
गहराते संबंधों का प्रतीक
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा ऊर्जा, महत्वपूर्ण खनिजों, रक्षा, व्यापार और वैश्विक सुरक्षा जैसे कई अहम क्षेत्रों में भारत-अर्जेंटीना सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। दोनों देशों के बीच लिथियम और अन्य दुर्लभ खनिजों पर विशेष बातचीत की संभावना है, जो भारत की हरित ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
आतंकवाद के खिलाफ साझा रुख
यात्रा के दौरान आतंकवाद के विरुद्ध वैश्विक सहयोग पर भी जोर दिया जा रहा है। दोनों देशों ने हाल के वर्षों में आतंकवाद के हर रूप की कड़ी निंदा की है, और इस दिशा में साझा रणनीतियों पर चर्चा की जा रही है। भारत और अर्जेंटीना का मानना है कि आतंकवाद केवल क्षेत्रीय नहीं, बल्कि वैश्विक खतरा है, जिससे निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समन्वय आवश्यक है।
व्यापार और निवेश को नई दिशा
ब्यूनस आयर्स में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रमों में भारतीय और अर्जेंटीनी व्यापारिक प्रतिनिधियों के साथ उच्चस्तरीय बैठकें शामिल हैं, जहां कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, आईटी, फार्मास्युटिकल्स और ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की जा रही है। भारत वर्तमान में अर्जेंटीना का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, और यह यात्रा द्विपक्षीय व्यापार को और नई ऊंचाई देने की क्षमता रखती है।
लैटिन अमेरिका में भारत की पहुंच का विस्तार
यह यात्रा ब्राजील में आगामी ब्रिक्स सम्मेलन से पहले हो रही है, जिससे इसकी कूटनीतिक और रणनीतिक अहमियत और भी बढ़ जाती है। अर्जेंटीना को लंबे समय से भारत लैटिन अमेरिका में एक विश्वसनीय साझेदार और प्रवेश द्वार के रूप में देखता रहा है। इस दौरे से भारत की वैश्विक दक्षिण में भागीदारी और उपस्थिति और मजबूत होगी।
सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों पर भी चर्चा
यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने महात्मा गांधी और रवींद्रनाथ टैगोर के अर्जेंटीना से जुड़े ऐतिहासिक योगदान को भी स्मरण किया। ब्यूनस आयर्स में स्थित गांधी स्मारक और टैगोर पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने भारत और अर्जेंटीना के लोगों के बीच भावनात्मक जुड़ाव को और प्रगाढ़ किया।
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