November 22, 2024

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राजनेताओं और धार्मिक समूहों ने PFI पर प्रतिबंध का किया स्वागत

नयी दिल्ली एजेंसी (पीएफआई) और उससे संबद्ध कई अन्य संगठनों के खिलाफ दो दिन की देशव्यापी छापेमारी के बाद मोदी सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए पीएफआई और अन्य कई संगठनों पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। इस फैसले का राजनीतिक दलों और विश्व हिन्दू परिषद तथा अन्य धार्मिक समूहों ने भी स्वागत किया है। हम आपको बता दें कि पीएफआई की देशविरोधी गतिविधियां बढ़ती जा रही थीं जिसको देखते हुए इस पर प्रतिबंध की मांग लंबे समय से की जा रही थी। पीएफआई जिस तरह 2047 तक भारत को इस्लामिक राज में परिवर्तित करने के मिशन पर आगे बढ़ रहा था उसके चलते इस संगठन से जुड़े लोगों ने हाल के दिनों में कई भयावह वारदातों को भी अंजाम दिया था। इसके बाद एनआईए समेत कई सुरक्षा एजेंसियों और राज्यों की पुलिस के एटीएस की ओर से देशभर में पीएफआई से संबद्ध ठिकानों पर छापेमारी की गयी और करीब 400 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया साथ ही कई दर्जन संपत्तियों को जब्त किया गया। इसके बाद केंद्र सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है। 

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से मंगलवार देर रात जारी जो अधिसूचना जारी की गयी उसमें कहा गया है कि पीएफआई के कुछ संस्थापक सदस्य स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के नेता हैं और पीएफआई के जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) से भी संबंध हैं। हम आपको बता दें कि जेएमबी और सिमी दोनों ही प्रतिबंधित संगठन हैं। इसके अलावा गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि पीएफआई के ‘इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया’ (आईएसआईएस) जैसे आतंकवादी संगठनों के साथ संबंधों के भी कई मामले सामने आए हैं। अधिसूचना में दावा किया गया है कि पीएफआई और उसके सहयोगी देश में असुरक्षा की भावना फैलाने के लिए एक समुदाय में कट्टरपंथ को बढ़ाने के लिए गुप्त रूप से काम कर रहे हैं, जिसकी पुष्टि इस तथ्य से होती है कि पीएफआई के कुछ कार्यकर्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय आतंकवादी संगठनों में शामिल हुए हैं।

जहां तक प्रतिबंधित किये गये संगठनों के नामों की बात है तो आपको बता दें कि आतंकवाद रोधी कानून ‘यूएपीए’ के तहत पीएफआई के अलावा ‘रिहैब इंडिया फाउंडेशन’ (आरआईएफ), ‘कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया’ (सीएफ), ‘ऑल इंडिया इमाम काउंसिल’ (एआईआईसी), ‘नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन’ (एनसीएचआरओ), ‘नेशनल विमेंस फ्रंट’, ‘जूनियर फ्रंट’, ‘एम्पावर इंडिया फाउंडेशन’ और ‘रिहैब फाउंडेशन’(केरल) को भी प्रतिबंधित किया गया है।

दूसरी ओर पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों पर प्रतिबंध लगाये जाने के फैसले का देशभर में स्वागत हो रहा है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि PFI के लोग पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाते हैं, उनको इस देश में ऐसे नारे लगाने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने ये अच्छा फैसला किया है। ये देश भक्तों का देश है और यहां देशद्रोही बयान कोई नहीं दे सकता।

वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएफाई पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को सराहनीय और स्वागतयोग्य बताया है। योगी ने कहा कि यह नया भारत है। इसके अलावा उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा है कि PFI की असामाजिक गैरकानूनी गतिविधियां लगातार जारी थीं। विभिन्न जांच एजेंसियां जांच कर रही थीं। जो तथ्य प्रकाश में आए हैं उन्हें देखते हुए गृह मंत्रालय ने जो निर्णय लिया है उसकी पूरे देश ने सराहना की है।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने का समय आ गया था। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने सही फैसला लिया है। यह सभी राष्ट्र विरोधी समूहों के लिए एक संदेश है। मैं लोगों से ऐसे संगठनों से नहीं जुड़ने का आग्रह करता हूं। बोम्मई ने कहा कि इस कदम से सभी “राष्ट्र विरोधी तत्वों” को संदेश जाएगा कि इस देश में उनके लिए कोई जगह नहीं है। बोम्मई ने कहा कि राज्य में पीएफआई की गतिविधियों को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।

गृह मंत्री अनिल विज ने कहा है कि देश के बाहर बैठे दुश्मनों से देश के अंदर बैठे दुश्मन ज्यादा खतरनाक हैं। उन्होंने कहा कि PM मोदी ने PFI पर प्रतिबंध लगाकर देश को सुरक्षित रखने का काम किया है। PM द्वारा जो देश का शुद्धीकरण अभियान चलाया जा रहा है, उसमें हर भारतवासी उनके साथ है।ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन रज़वी ने बरेली में संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने कट्टरपंथी संगठन PFI पर प्रतिबंध लगाकर अच्छा कदम उठाया है। भारत की सरज़मीं कट्टरपंथी विचारधारा की सरज़मीं नहीं है और न यहां ऐसी कट्टरपंथी विचारधारा पनप सकती है जिससे मुल्क़ की एकता-अखंडता को खतरा हो।अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख जैनुल आबेदीन अली खान ने पीएफआई पर प्रतिबंध के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई कानून के अनुपालन और आतंकवाद की रोकथाम के लिए की गई है और सभी को इसका स्वागत करना चाहिए। जैनुल आबेदीन अली खान ने कहा, “देश सुरक्षित है तो हम सुरक्षित हैं, देश किसी भी संस्था या विचार से बड़ा है और अगर कोई इस देश को तोड़ने, यहां की एकता और संप्रभुता को तोड़ने की बात करता है, देश की शांति खराब करने की बात करता है, तो उसे इस देश में रहने का अधिकार नहीं है।” उन्होंने कहा कि पिछले कई दिनों से लगातार पीएफआई की राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की खबरें आ रही हैं और इस पर लगाया गया प्रतिबंध देश हित में है। उन्होंने कहा, “मैंने खुद पहली बार सरकार से दो साल पहले पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।”