महिला सशक्तीकरण की मिसाल बनता पुलिस महकमा, 30% तक पहुंची महिला कर्मियों की भागीदारी - राष्ट्र की परम्परा
August 19, 2025

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महिला सशक्तीकरण की मिसाल बनता पुलिस महकमा, 30% तक पहुंची महिला कर्मियों की भागीदारी

बुनियादी सुविधाओं और प्रशिक्षण में हो रहा व्यापक सुधार

पटना (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। पुलिस विभाग में महिला सशक्तीकरण की तस्वीर अब और भी मजबूत होती जा रही है। जहां एक ओर देश भर में महिलाओं की भागीदारी को लेकर लगातार चर्चा होती रही है, वहीं अब पुलिस बल में यह बदलाव स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है। वर्तमान में पुलिस महकमे में सभी स्तरों पर महिला पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़कर लगभग 30 प्रतिशत तक पहुँच गई है — जो कि महिला सहभागिता के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। महिला पुलिसकर्मियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए उनके लिए सभी जरूरी बुनियादी सुविधाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। चाहे बात थानों की हो, बैरकों की हो या प्रशासनिक कार्यालयों की — हर स्तर पर महिला कर्मियों की सुविधा और गरिमा को ध्यान में रखते हुए विशेष आवासीय व्यवस्था, अलग शौचालय, विश्राम कक्ष, ड्रेसिंग रूम व सुरक्षित परिसर जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जा रहा है। महिला सिपाहियों को सक्षम और दक्ष बनाने के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें स्वरक्षा प्रशिक्षण, साइबर अपराध की समझ, संवेदनशील मामलों से निपटने की विधियां, और कानून की गहन जानकारी शामिल हैं। इसके लिए अलग महिला प्रशिक्षण बैच और अनुभवी प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है।
वर्तमान में महिला पुलिसकर्मी न सिर्फ भीड़ नियंत्रण या ट्रैफिक संचालन जैसे पारंपरिक कार्यों तक सीमित हैं, बल्कि वे जांच, थानेदारी, साइबर सेल, एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट जैसे जटिल और जिम्मेदार पदों पर भी सफलतापूर्वक कार्य कर रही हैं। राज्य सरकार व गृह विभाग इस दिशा में लगातार प्रयासरत है कि महिला कर्मियों को एक समान अवसर और सुरक्षित कार्य वातावरण प्रदान किया जा सके। इसी सोच के तहत महिला पुलिस स्टाफ की जरूरतों के मुताबिक नए मानक तय किए जा रहे हैं, जो आने वाले समय में अन्य राज्यों के लिए भी मिसाल बन सकते हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि पुलिस विभाग में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और उनके लिए बन रही सुविधाएं ना सिर्फ सशक्तिकरण की ओर एक ठोस कदम हैं, बल्कि यह पूरे समाज में लैंगिक समानता और समावेशिता की दिशा में भी एक नई रोशनी लेकर आ रही हैं।