वाराणसी (राष्ट्र की परम्परा)। शहर के वरिष्ठ न्यूरो फिजियोथेरेपिस्ट डॉक्टर अब्दुल कादिर ने बताया कि आज के जीवन शैली में हम लंबे समय तक अपनी शारीरिक प्रणालियों का सही ढंग से उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। और जब शरीर की सहनशिलता नहीं रहती है तो वह तरह- तरह की बीमारियों व दर्द कि चपेट में आ जाता है। फिजियोथेरेपी को अपनी जीवन का हिस्सा बनाकर, दवाइयो पर निर्भरता कम कर के स्वस्थ रह सकते हैं। फिजियोथेरिपी के विशेषज्ञ कई तरह के व्यायाम और नई तकनिक वाली मशिनों की मदद से इलाज करते है। डॉक्टर अब्दुल कादीर ने बताया की लाइफस्टाइल मे बदलाव से, मोटापा, ब्लड प्रेशर, पीठ, कमर, गर्दन दर्द, जोडो का का दर्द, हाथों में झनझनाहट ,हार्मोनल बदलाव ,डायबिटीज के मरीजों में कंधा जाम की समस्याएं अधिक मरीजों में दिखने को मिल रही है, ऐसे में फिजियोथेरेपी एक बेहतर विकल्प है। साथ ही साथ, लकवा, सेरेब्रल पाल्सी( बच्चों की शारीरिक एवम मानसिक दुर्बलता, माँसपेसियो का खिचाव व कमजोरी , नसों का दर्द,आदि बिमारीयों में फिजियोथेरेपी के अत्याधुनिक तकनिक एवं मसीनो द्वारा समुचित इलाज होता है। डाक्टर अब्दुल कदिर (वरिष्ठ फिजियोथैरेपिस्ट), प्रधानाचार्य इशिता कालेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज,वाराणसी।
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