Friday, December 26, 2025
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बसों में बैठने के लिए यात्रियों को परेशानियों का करना पड़ा सामना

मुम्बई(राष्ट्र की परम्परा)l भिवंडी शहर जो कपड़ा उद्योग के लिए एशिया में अपना स्थान रखता है। भिवंडी शहर में भारत के सभी प्रांत के लोग आकर यहां आकर रहते है, और फैक्ट्रियों में काम करते हैं तथा अपनी और अपने परिवार का जीविका चलाते हैं। अतः इन तमाम खूबियों के वजह से इसे मिनी भारत भी कहा जाता है। इस शहर का क्षेत्रफल लगभग 26 किलोमीटर चौरस है।

इस शहर में राजनोली नाका, अंजुर फाटा, नदी नाका, खाड़ी पार, कारीवली रोड, नरपोली, चाबिंद्रा, जो भिवंडी का प्रवेश द्वार है। शहर में लगभग 15 से 16 लाख लोग रहते हैं। ऐसे हालात में भिवंडी से लगभग दो से ढाई लाख लोग अपने नौकरी व व्यवसाय के लिए मुंबई, ठाणे, कल्याण, मीरा भायंदर, वसई, नवी मुंबई, पनवेल, कसारा, वाड़ा, आठ गांव, आसन गांव, पडघा, बृजेश्वरी, शाहपुर, आदि इलाकों में तथा लंबी यात्रा के लिए यातायात साधनों पर निर्भर हैं। ऐसे हालात में भिवंडी के एसटी स्टैंड में बसों की संख्या कम होने के कारण तथा महानगरपालिका में यातायात की व्यवस्था ना होने के कारण, यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
औद्योगिक नगरी भिवंडी शहर एक घनी आबादी वाले शहरों में अपना स्थान रखता है, ऐसे में यातायात सुविधा ना होने के कारण लोगों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है।
भिवंडी में एक सांसद, तीन विधायकों, ९० नगर सेवकों, ग्राम पंचायत सदस्यो, पंचायत समिति सदस्यों, जिला परिषद सदस्यों, की एक लंबी कतार होने के बाद भी यहां के नागरिकों को सरकारी यातायात की सुविधाओ के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
भिवंडी महानगरपालिका यदि जनता को यातायात सुविधा प्रदान करती है तो, मनपा को आर्थिक लाभ के अलावा, यहां के निवासियों को बहुत बड़ी राहत मिल सकती है। कई सामाजिक संघटन तथा यहाँ के निवासियों ने, भिवंडी महानगरपालिका से माँग करते हुए कहा कि, यातायात सेवा को यथा शीघ्र शुरू करते हुये महानगरपालिका एक जनकल्याणकारी कार्य करे।

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