लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा) उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया फिलहाल अटकती नजर आ रही है। नगर विकास विभाग की ओर से जारी एक पत्र ने चुनावी तैयारियों पर ब्रेक लगा दिया है। इससे संकेत मिल रहे हैं कि पंचायत चुनाव अब निर्धारित समय पर नहीं हो पाएंगे।
दरअसल, नगर विकास विभाग ने पंचायतीराज विभाग से 21 मई 2024 को जारी किए गए एक पत्र को निरस्त करने का अनुरोध किया है। इस पत्र में नए नगर निकायों के गठन तथा सीमा विस्तार से संबंधित सुझाव मांगे गए थे, लेकिन अब उस पर रोक लगा दी गई है।
नगर विकास विभाग का तर्क है कि जब तक नए नगर निकायों के सुझाव और सीमा विस्तार की प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक पंचायत चुनाव की प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। विभाग के अनुसार, यह कदम शहरी और ग्रामीण प्रशासनिक सीमाओं के स्पष्ट निर्धारण के लिए जरूरी है।
सूत्रों का मानना है कि जब तक नगर विकास विभाग अपना यह आदेश वापस नहीं लेता, तब तक राज्य में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया बाधित रहेगी। इससे स्पष्ट हो गया है कि चुनावों में और देरी तय है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह देरी प्रशासनिक से ज्यादा राजनीतिक निर्णय हो सकता है। ऐसे में ग्रामीण स्तर पर सत्ता समीकरणों में भी बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है।
गांव स्तर की राजनीति पर पड़ेगा सीधा असर
ग्रामीण विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में आ सकती है रुकावट
स्थानीय नेतृत्व की वैधता पर उठ सकते हैं सवाल
नगर विकास विभाग के अगले कदम पर सबकी नजरें टिकी हैं। अगर आदेश वापस नहीं हुआ, तो पंचायत चुनाव की तिथि लंबे समय तक टल सकती है।
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