गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)
। स्थानीय दिग्विजय नाथ पीजी कॉलेज के महंत अवैद्यनाथ स्मृति सभागार में राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में “डाक सेवाओं के समर्थन” विषयक एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन पूज्य संत गम्भीरनाथ, ब्रह्मलीन महंत अवैधनाथ, वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप व ज्ञान-विज्ञान की देवी मां सरस्वती के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पण के साथ हुआ। तत्पश्चात सरस्वती वंदना व स्वागत गीत साम्भवी ने प्रस्तुत किया।
कार्यशाला में प्राचार्य प्रोफेसर ओम प्रकाश सिंह ने डाक सेवाओ के समर्थन पर विस्तार से अपना विचार रखा। प्रो. सिंह ने प्राचीन काल से वर्तमान समय तक डाक सेवाओ के विकास क्रम का व्यवस्थित विवरण प्रस्तुत किया। जिसमें 1837 से सार्वजनिक रूप से डाक सेवाओ का प्रारंभ ग्रमीण तथा शहरी क्षेत्र में वर्तमान में लाखों डाक कार्यालय की सहायता से आम जनमानस को एक दूसरे से जोड़ने का कार्य कर रहा है। इस सेवा के माध्यम से बस्तुओं एवं सेवाओ का ही संचार नही होता। बल्कि भावनाओ का भी आदान-प्रदान होता है।
प्राचार्य प्रो. सिंह ने डाक सेवाओ के विभिन्न प्रकारों पर प्रकाश डालते हुए सरकारी पत्र-सुरक्षित पत्र, रजिस्टर्ड डाक, सुरक्षित डाक आदि के बारे में विस्तार से बताया।
इसके अतिरिक्त डाक घरों द्वारा संचालित विभिन्न वित्तीय सेवाओं, जैसे कन्या सुमंगला योजना, प्रधानमंत्री जनधन योजना आदि पर अपने विचार रखे। डाक सेवाओ के समर्थन करते हुए प्राचार्य ने इस सेवा को अपनाने का सुझाव दिया। क्योंकि ये सेवा सस्ती और सर्वसुलभ एवं सरकारी नियंत्रण में होने से विश्वसनीय है।
कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर पीयूष सिंह व धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर निधि राय ने किया।
इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी प्रदीप यादव व जितेन्द्र कुमार पांडेय व चारो इकाई के छात्र एवं छात्राए उपस्थित रहे।
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