
30 सितम्बर तक चलेगा विशेष अभियान, नवजात व गर्भवती माताओं पर रहेगा खास फोकस

कुशीनगर (राष्ट्र की परम्परा)कुपोषण से जंग के लिए कुशीनगर में एक बार फिर संभव अभियान की शुरुआत कर दी गई है। यह विशेष अभियान 1 जुलाई से शुरू होकर आगामी 30 सितम्बर 2025 तक चलेगा। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा वर्ष 2021 से प्रारंभ इस नवाचारी कार्यक्रम के तहत इस बार भी नवजात शिशुओं और गर्भवती माताओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
जिला कार्यक्रम अधिकारी राकेश कुमार मिश्र ने जानकारी देते हुए बताया कि गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों (सैम व मैम श्रेणी) की समयबद्ध पहचान व समुचित उपचार इस अभियान का अहम हिस्सा रहेगा। उन्होंने कहा कि 0 से 6 माह तक के शिशुओं में कुपोषण से बचाव व उनके समयानुकूल पोषण प्रबंधन को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि अभियान के तीन महीनों को थीम आधारित किया गया है —
जुलाई: मातृ पोषण
अगस्त: छह माह से छोटे शिशुओं पर विशेष ध्यान
सितम्बर: ऊपरी आहार प्रोत्साहन एवं पोषण माह
प्रत्येक माह तय की गई थीम के अनुसार कार्ययोजना बनाकर विभिन्न गतिविधियों का संचालन होगा। जून को बेसलाइन मानते हुए तीन महीनों में कुपोषण के स्तर में गिरावट लाने का लक्ष्य रखा गया है। इस दौरान जनपद के सभी संबंधित विभागों— स्वास्थ्य, पशुपालन, शिक्षा, ग्रामीण विकास आदि का भी समन्वय लिया जाएगा।
श्री मिश्र ने बताया कि अभियान के शुभारंभ अवसर पर मंगलवार को जनपद के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर ‘वजन दिवस’ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर केंद्रों में पंजीकृत बच्चों का वजन लेकर कुपोषित बच्चों की पहचान की गई तथा सैम और मैम श्रेणी में आने वाले बच्चों को चिह्नित किया गया।
अभियान के दौरान नियमित जांच, जनजागरूकता, पोषण शिक्षा और समन्वय प्रयासों के जरिए कुपोषण की चुनौती से निपटने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे। विभागीय स्तर पर इसकी निरंतर मॉनिटरिंग भी की जाएगी और प्रदेश स्तर पर जनपदों को उनके प्रदर्शन के आधार पर रैंकिंग भी दी जाएगी।
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