देवरिया(राष्ट्र की परम्परा) राष्ट्रीय विकलांग सहायता समिति, देवरिया (उ.प्र.) संस्था दिव्यांगों, वृद्धजनों, निराश्रित महिलाओं, गरीबों, पिछड़ों एवं असहायों की सहायता हेतु समर्पित है। इस संस्था के जिला अध्यक्ष सच्चिदानंद वर्मा ने दिव्यांग जनों की समस्याओं को देखते हुए जिला अधिकारी के माध्यम से एक प्रार्थना पत्र मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए एक मांग पत्र सौंपा और मांग किया की, उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए मुख्य बिंदुओं पर विचार करना बेहद जरूरी है। सरकार को विकलांग रोजगार गारंटी कार्यक्रम (विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 की धारा के तहत)विकलांग लोगों के लिए रोजगार सृजित करना चाहिए।विकलांग पेंशन को चुनावी घोषणा पत्र के अनुसार ₹1000 प्रति माह से बढ़ाकर ₹1500 प्रति माह किया जाए।दिव्यांगों के लिए जिला स्तर पर छात्रावास एवं शिक्षा की व्यवस्था की जाए ताकि दिव्यांग उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें। (विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 32 के तहत)।सभी सरकारी कार्यालयों, पुलिस स्टेशनों, पुलिस चौकियों, ब्लॉकों में विकलांगता चार्टर लगाया जाए ताकि विकलांगता अधिकार अधिनियम 2016 का प्रचार-प्रसार किया जा सके।पंचायती राज चुनाव और स्थानीय निकाय चुनाव में राजस्थान सरकार की तरह उत्तर प्रदेश के दिव्यांगों को भी आरक्षण दिया जाए। (विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 38 के तहत) सभी दिव्यांग जनों का अंत्योदय कार्ड बनाया जाए तथा उन्हें 35 किलो अनाज दिया जाए तथा उनका आयुष्मान कार्ड भी बनाया जाए। (विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 37 के तहत)प्रत्येक पंचायत भवन, प्रखंड कार्यालय परिसर, जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में दिव्यांगजनों के लिए सिंगल विंडो की व्यवस्था स्थापित की जाए, जहां से दिव्यांगजन किसी भी समस्या का समाधान एक ही स्थान से प्राप्त कर सकें। (विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 40 के तहत)यह सुनिश्चित किया जाये कि जिला दिव्यांग बन्धु समिति की बैठक तीन माह में एक बार हो।
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