संत कबीर नगर (राष्ट्र की परम्परा)। जिला विद्यालय निरीक्षक संदीप चौधरी ने जनपद के समस्त प्रबन्धक, प्रधानाचार्य, राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त, वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षा में नवाचार के अन्तर्गत “औषधीय पादप वाटिका” के निर्माण के सम्बन्ध में निर्देशित किया है कि प्रत्येक विद्यालय में एक औषधीय पादप वाटिका का निर्माण कराया जाय, जिसमें विद्यालय में उपलब्ध भूमि के अनुसार पादपों का संकलन एंव रोपण किया जाय। इनमें सर्वप्रथम वो पौधे रोपित कराये जाये जिनका संदर्भ पाठ्यपुस्तक में हो। औषधीय पादपों का समूह, ज्ञान, परिचय, पहचान लाभ एवं आर्थिक महत्व से छात्र/छात्राओं का परिचय कराया जाये। बच्चों को घरों में भी इसका रोपण परिचार के स्वास्थ लाभ एवं आर्थिक जीवन शैले में सुधार हेतु उपयोगी बनाने के दृष्टि से यह महत्वपूर्ण क्यों है, से परिचित कराया जाय। जिससे बच्चों में “बाल वैद्य” बनने की प्रवृति पैदा हो सके।
जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया कि इसके सम्बन्ध में पहले भी पहल की गयी है तथापि प्रत्येक विद्यालयों में इसका गठन नही हो सका है। किन्तु अब इसका अनिवार्य रूप से गठन, निर्माण व स्थापना प्रत्येक विद्यालयों में हो, जिसकी एक प्रतियोगिता कराकर सर्वश्रेष्ठ औषधीय पादप वाटिका वाले विद्यालय को पुरस्कृत किया जायेगा।
जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया कि इस सम्बन्ध में उन्नति इन्टरनेशल जरनल आफ मल्टीडिसिप्लीनरी साइनटिफिक रिसर्च में प्रकाशित एक शोध पत्र का संदर्भ लेकर वाटिका का उद्देश्य एवं निर्माण, शिक्षण विधा में इसका उपयोग करते हुए मदद ले सकते हैं।
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