
महराजगंज (राष्ट्र की परम्परा)। इस बार करवा चौथ का त्योहार 01 नवंबर को मनाया जाएगा। सुहागिन महिलाओं के लिए इस पर्व का विशेष महत्व है। माना जाता है कि अगर सुहागिन महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं, तो उनकी पति की आयु लंबी होती है।इस व्रत में महिलाएं रात में चांद देखकर अपना उपवास तोड़ती हैं। जो महिलाएं करवा चौथ का व्रत करती हैं, उन्हें इस दिन सोलह श्रृंगार करना चाहिए। सुहागिन महिलाओं को करवा चौथ के दिन मंगल सूत्र, नोज पिन, बिंदी, चूड़ियां, झूमके आदि पहनना अनिवार्य माना जाता है। ये सारी चीजें महिलाओं के लिए सौभाग्य, समृद्धि और सुखी वैवाहिक जीवन का प्रतीक हैं। इसके अलावा हाथों में मेहंदी भी लगानी चाहिए। करवा चौथ के त्योहार में सरगी बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। सुहागिन महिलाओं को उनकी सास द्वारा सरगी की थाली दी जाती हैं। अगर आप करवा चौथ का व्रत रखने वाली हैं, तो सरगी भूलकर भी न छोड़ें। सरगी की थाली में मौजूद खाद्य पदार्थों को जरूर खाएं। आमतौर पर सरगी की थाली में ऐसी चीजें होती हैं, जिन्हें खाने से शरीर को ऊर्जा मिलती है। इसमें फल, नारियल, सूखे मेवे, मिठाई, जूस आदि कई तरह की चीजें शामिल होती हैं। आप उपवास तोड़ने के समय नारियल पानी, सूखे मेवे आदि चीजें खाने में शामिल कर सकते हैं करवा चौथ के दिन लाल रंग को पहनना शुभ माना जाता है, तो वहीं इस दिन सुहागिन महिलाओं को सफेद या काले रंग पहनने से भी मनाही होती है। विशेष अवसर पर लाल, पीला, हरा, गुलाबी आदि अन्य रंगों के कपड़े पहन सकती हैं। मान्यता है कि सुहागिन महिलाओं को करवा चौथ के त्योहार में व्रत खोलने से पहले शाम को कथा सुननी चाहिए। इस विधि का पालन किए बिना निर्जला व्रत अधूरा माना जाता है। करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाओं और परिवार के अन्य सदस्यों को मांसाहारी खाने से बचना चाहिए।
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