महाशिवरात्रि पर्व आठ मार्च को
सलेमपुर/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा) इस वर्ष महाशिवरात्रि पर्व पर कई शुभ योग बन रहे हैं, जो इस व्रत को करने वाले भक्तों के सर्व दुःख व कष्ट हरण कर कल्याण करने वाले होंगे।उक्त बातें बताते हुए जयराम धाम मंगराइच के आचार्य अजय शुक्ल ने कहा कि 8 मार्च को इस वर्ष यह त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन स्वार्थ सिद्धि योग सहित कई योग बन रहे हैं इस दिन पूजा अर्चना व व्रत रखना बहुत ही शुभ फल प्राप्त करने वाला होगा।पंचाग के अनुसार महाशिवरात्रि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष के चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है।पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन बाबा भोलेनाथ व मां पार्वती जी का विवाह हुआ था। शिवपुराण के अनुसार इस दिन विवाहित जीवन जीने वाले लोग सपत्नीक व्रत रखकर पूजा अर्चना करते हैं तो उनके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाता है। इस बार शिव योग ,सिद्धि योग के साथ ही श्रवण नक्षत्र भी है जो इस महाशिवरात्रि पर्व के महत्व को और बढ़ा दिया है। बाबा भोलेनाथ के जो भक्त पवित्र मन से इनकी आराधना करते हैं उन बहुत ही शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं।बाबा का जलाभिषेक कभी भी शाम को नही करना चाहिए। सबसे उत्तम समय ब्रम्ह मुहूर्त से लेकर दोपहर 11 बजे तक का जलाभिषेक करना सबसे अधिक शुभफलदायी होता है।बाबा भोलेनाथ को पूजा करने के लिए बेलपत्र, भांग,मदार फूल, धतूरा, अक्षत (खण्डित अक्षत नही),चंदन आदि प्रिय हैं इससे यह शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं।भूल कर भी इन्हें लाल रंग के फूल, केतकी,चंपा और केवड़े का फूल नही अर्पित करना चाहिए।शास्त्रों में यह वर्जित है,शिवलिंग पर सिंदूर नही चढ़ाना चाहिए। भगवान शिव के लिंग के श्रृंगार के पश्चात जलाभिषेक करना शास्त्रों में पूर्णतः वर्जित है।
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