सादुल्लानगर/बलरामपुर(राष्ट्र की परम्परा)।दीपावली पर घरों को रोशन करने की तैयारी कुम्हारों ने शुरू कर दी है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया के मंत्र से कुम्हारों की दीपावली भी इस बार रोशन होने की उम्मीद बढ़ गई है। दिए बनाने से लेकर पूजन के लिए विभिन्न बर्तनों को तैयार करने में उनका अधिकांश समय चाक पर गुजर रहा है। सरकार ने प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा रखा है। ऐसे में मिट्टी के दिए वह अन्य बर्तनों के दिन लौट रहे है।
पुश्तैनी धंधे को मिली गति कुम्हार शिवकुमार का कहना है। कि वर्षों पूर्व मिट्टी के बर्तनों को अधिक मांग थी। इसी रोजगार से परिवार का भरण पोषण होता था। आधुनिक युग में लोग प्लास्टिक से बनने वाली गिलास व कटोरी को प्राथमिकता देने लगे। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्लास्टिक मुक्त फरमान से एक बार फिर पुश्तैनी धंधे को गति मिली है ।
दीपावली का त्यौहार नजदीक होने से लोगों ने अभी से मिट्टी के बर्तनों की मांग शुरू कर दी है। कलश व दिए की मांग सबसे ज्यादा है। कुछ लोग अनाज आदि रखने के लिए भी मिट्टी के बर्तन ले जा रहे हैं। उम्मीद है कि दीपावली पर आमदनी अच्छी होगी।
क्या कहते हैं युवा दीपचंद जायसवाल,राधेश्याम गुप्ता, विष्णु गुप्ता, सुमित सिंह, रवि पाण्डेय का कहना है कि प्रधानमंत्री ने चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने व स्वदेशी अपनाने की मंत्र दिया है।इस बार मेक इन इंडिया व मेड इन इंडिया को धार देने के लिए कुम्हार के हाथ तो से बने मिट्टी के दिए ही खरीदेंगे।इसके लिए अन्य लोग को भी जागरूक कर रहे हैं।
प्रसन्न में होते है देवतासादुल्लानगर अहरौला के पंडित प्रीतम शास्त्री के मुताबिक शास्त्रों में मिट्टी के दिए जलाना ही उचित बताया गया है। दीपावली पर दिए जलाने से धन की देवी मां लक्ष्मी का वास होता है। घर में सुख समृद्धि आती है ।मिट्टी के बर्तनों से पूजा, अर्चना से देवी, देवता प्रसन्न होते हैं।।
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