December 24, 2024

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

भक्ति शक्ति एवं विद्वता के शाश्वत प्रतीक भगवान परशुराम

बलिया(राष्ट्र की परम्परा)
अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का जन्मोत्सव धूमधाम से श्री परशुराम मंदिर राजगुरु धाम रतसर पर मनाया गया। ब्राह्मण स्वयंसेवक संघ के तत्वाधान में आयोजित भगवान का जन्मोत्सव कार्यक्रम बहुत ही भव्य एवं धूमधाम से मनाया गया, सुबह से ही मंदिर में भक्तों का ताता लगा रहा। इस अवसर पर पंडित गणेश पांडेय मंजुल के सौजन्य से बनारस से आए हुए विद्वान ब्राह्मणों के द्वारा सुंदरकांड का पाठ एवं वैदिक तरीके से भगवान का पूजन किया गया। उपस्थित विप्र बंधुओं एवं भक्तों के द्वारा भगवान का पूजन हवन एवं आरती का कार्यक्रम किया गया। इस अवसर पर भव्य भंडारे का आयोजन किया गया था, जिसमें हजारों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ब्राह्मण स्वयंसेवक संघ के प्रदेश महासचिव राजेश कुमार मिश्र ने कहा कि भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम ने पृथ्वी पर शस्त्र एवं शास्त्र दोनों की महिमा स्थापित किया। भगवान परशुराम ही त्रेता और द्वापर दोनों युगों में मौजूद रहे और आज भी पृथ्वी पर चिरंजीव होकर अपना आशीर्वाद बनाए हुए हैं। भगवान परशुराम भक्ति शक्ति एवं विद्वता के शाश्वत प्रतीक हैं, उन्होंने पृथ्वी पर न्याय एवं धर्म की स्थापना किया। वरिष्ठ पत्रकार मंदिर के संस्थापक गणेश पांडे मंजुल ने भगवान के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से भक्तों को एवं विप्र बंधुओं को परिचित कराया। जन्मोत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आचार्य भरत पांडेय ने परशुराम सूक्त का वाचन करते हुए भगवान श्री परशुराम के महिमा पर प्रकाश डालने का काम किया। जन्मोत्सव कार्यक्रम को गोपाल पांडेय अवधेश पांडेय, ओमप्रकाश पांडेय, करूनेश पांडेय, रत्नाकर दुबे, सत्येंद्र पांडेय, दयाशंकर तिवारी, सरोज दुबे, विष्णु कुमार मिश्र, दुर्गेश उपाध्यय, गोविन्द उपाधाय्य, बालाजी पांडेय, शीला त्रिपाठी, पंकज पाठक, रामजी चौबे आदि ने संबोधित किया। इस अवसर पर हजारों विप्र बंधु उपस्थित रहे।