2017 से पहले भर्ती में लेन-देन और भेदभाव हावी था, अब यूपी सबसे आगे – योगी आदित्यनाथ

लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को विपक्ष की पूर्ववर्ती सरकारों पर तीखा प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि वर्ष 2017 से पहले प्रदेश में पुलिस भर्ती में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद हावी था, जिसका सीधा असर कानून-व्यवस्था पर पड़ा।
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “2017 से पहले भर्तियों में पैसों का लेन-देन, बोली और भेदभाव ने युवाओं का भविष्य अंधकारमय कर दिया था। इसका नतीजा था कि दंगे, अराजकता, गुंडागर्दी, आतंकी घटनाएं और जनता में असुरक्षा का माहौल पनपा।”
सीएम योगी ने कहा कि उस समय अयोध्या, काशी और लखनऊ की कचहरी पर हमले होते थे, आतंकी घटनाएं घटती थीं, यहां तक कि सीआरपीएफ कैंप रामपुर को भी निशाना बनाया गया था।
उन्होंने कहा कि 2017 में ‘डबल इंजन’ की सरकार बनने के बाद सबसे पहले भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए बड़े कदम उठाए गए। पुलिस भर्ती बोर्ड को सुदृढ़ किया गया और परिणामस्वरूप यूपी देश में सबसे अधिक पुलिस भर्ती और सरकारी नौकरी देने वाला राज्य बन गया।
मुख्यमंत्री के अनुसार, प्रदेश सरकार अब तक 8.5 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दे चुकी है। वहीं 2017 से अब तक 2,17,500 से अधिक पुलिसकर्मियों की निष्पक्ष भर्ती की गई है, जो देश में सबसे बड़ा आंकड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि पारदर्शिता आने के बाद निवेश बढ़ा है और करीब दो करोड़ युवाओं को अपने ही जिले में रोजगार मिला है।
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