मैहर/सतना (राष्ट्र की परम्परा)। चीन ने तिब्बत पर कब्जा कर भारत के लिए बड़ी चुनौती खड़ी की है। चीन केवल भारत के लिए नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व के लिए आज बड़ा खतरा बन कर उभरा है।इससे निपटने के लिए देश भर में एक व्यापक जन आंदोलन चलाने की आवश्यकता है।
यह विचार भारत तिब्बत समन्वय संघ के केंद्रीय संयोजक हेमेंद्र प्रताप सिंह तोमर ने संघ की दो दिवसीय बैठक के उद्घाटन सत्र में कहीं।
उन्होंने कहा कि भगवान भोलेनाथ का मूल गांव कैलाश मानसरोवर चीन के कब्जे में है। तिब्बत की आजादी के साथ ही विश्वभर के सनातनियों के लिए मोक्षधाम कैलाश मानसरोवर के दर्शन सुलभ होंगे। भगवान भोलेनाथ ने इस पुनीत कार्य के लिए हम सबको चुना है। भारत तिब्बत समन्वय संघ, तिब्बत की आजादी के साथ चीन के खिलाफ मुखर होकर संघर्ष करने वाला विश्व का सबसे बड़ा संगठन बन गया है। हमारे संगठन में आंतरिक लोकतंत्र है और सनातनी ही इस पुनीत कार्य को कर सकता है। हम सभी अपनी व्यस्तताओं के साथ दिन में एक घंटा भी देंगे तो आने वाले एक वर्ष में हम संपूर्ण भारत में जन जागरण कर कैलाश मानसरोवर मुक्ति का संकल्प आमजन तक पहुंचाएंगे।
माँ शारदा के पूजन से शुरू हुई बैठक: शुक्रवार को माँ शारदा की नगरी मैहर में भारत तिब्बत समन्वय संघ की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का शुभारंभ माँ शारदा के पूजन और बीटीएसएस के प्रेरणा स्रोत प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) एवं परम पावन दलाई लामा के चित्र पर माल्यार्पण के साथ प्रारंभ हुई। मंच पर भारतीय सेना के कई बड़े पूर्व अधिकारियों ने शिरकत की। मुख्य रूप से कर्नल श्रीनिवास राव, कर्नल पीटी जयराज, कर्नल नंदकिशोर ढाका, कर्नल अविनाश देवघरे, कर्नल लक्ष्मीकांत देसाई, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रोफेसर विवेक गुरु, तिब्बत सरकार की पूर्व सांसद कार्टून कालसंग यूडॉन (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, महिला विभाग), मेजर (डॉ) पंकजमणि पहारिया, राष्ट्रीय महामंत्री सुश्री राजो मालवीय, श्री विजय मान, क्षेत्रीय अध्यक्ष (मध्य क्षेत्र) डॉ भागीरथ कुमरावत, आयोजन समिति के सचिव एवं छत्तीसगढ़ प्रांत के अध्यक्ष कौन्तेय जायसवाल आदि मंचासीन रहे। उद्घाटन सत्र का संचालन सुश्री राजो मालवीय ने किया। बैठक की अध्यक्षता क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ भागीरथ कुमरावत ने की।
भगवान शिव शंकर की सेना है बीटीएसएस : प्रोफेसर जुयाल
भारत तिब्बत समन्वय संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर पीडी जुयाल ने बैठक को देहरादून से ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि चीन तिब्बत पर कब्जा कर तिब्बतियों के मानवाधिकारों का उल्लंघन तो कर ही रहा है। साथ ही वहां के पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा रहा है। तिब्बत प्राकृतिक संपदा का सबसे बड़ा स्रोत है। चीन की कारगुजारियों के चलते हिमालय पर भी खतरा मंडरा रहा है। अगर चीन की कारगुजारी पर लगाम नहीं लगाई गई तो चीन तिब्बत का पर्यावरण ड्राई कर देगा, इससे देश की कई नदियां तो सूखेंगी ही, पूरे देश का पर्यावरण भी खराब होगा। साथ ही संपूर्ण एशिया का पर्यावरण खतरे में आ जाएगा। भारत की सुरक्षा के लिए चीन से तिब्बत की आजादी जरूरी है। तिब्बत के आयोजनों में हमको बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। यह कार्य बीटीएसएस के कार्यकर्ता करेंगे। मैं गर्व से कह सकता हूं कि बीटीएसएस भगवान शिव शंकर की सेना है। दूसरे धर्म के लोग अगर हिंदू धर्म में आना चाह रहे हैं तो घर वापसी के काम में भी हमको सहयोग करना चाहिए।
भारत के साथ ही अमेरिका व यूरोप भी तिब्बत के सपोर्ट में: श्रीमती युदून
तिब्बत सरकार की पूर्व सांसद कार्टून कालसंग यूडॉन (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महिला विभाग) ने कहा कि भगवान बुद्ध भारत में जन्मे और तिब्बतियों के गुरु हैं। सभी तिब्बती आज भारत को अपना गुरु मानते हैं। 1959 में चीन ने तिब्बत पर कब्जा किया, तब से वहां के नागरिकों पर वह अत्याचार कर रहा है और प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर रहा है। यहां तक कि वह हमारी संस्कृति को भी खत्म करने पर आमादा है। 5 साल के बच्चों का वह डीएनए टेस्ट करा रहा है और चीन में बोर्डिंग स्कूल खुलवा कर तिब्बती बच्चों को जबरदस्ती वहां ले जाकर चीनी कल्चर सिखा रहा है। इस तरह चीन हमारे तिब्बत की संस्कृति को खत्म करने पर उतारू है। तिब्बत की आजादी तक हम चीन से लड़ते रहेंगे। तिब्बत को आजाद कराने के लिए अनेक तिब्बतियों ने आंदोलन में अपने आप को जलाकर कुर्बानी दी है। चीन अपने सीमावर्ती देशों ताइवान, हांगकांग और भारत को भी परेशान करता रहता है। भारत की सुरक्षा के लिए तिब्बत की आजादी जरूरी है। अमेरिका और यूरोप भी आज तिब्बत को सपोर्ट कर रहे हैं। 15वें दलाईलामा के लिए अमेरिका ने भी रिजोल्यूशन पास किया है। 15वें दलाईलामा की नियुक्ति का अधिकार सिर्फ और सिर्फ वर्तमान परम पावन 14वें दलाईलामा को है।
भोले बाबा के मंत्र से मिलेगी तिब्बत को आजादी : मान
उद्घाटन सत्र के शुरुआत में राष्ट्रीय महामंत्री विजय मान ने कहा कि जिस तरह देश की आजादी में अट्ठारह सौ सत्तावन में रोटी और कमल का नारा चला और अंग्रेजो के खिलाफ पूरे देश में 430 करोड़ रुपए के हथियार उस समय बनाए गए थे। इसी तर्ज पर हमारा मंत्र … हे भोले बाबा, आप अपने मूल गांव कैलाश मानसरोवर को दुष्ट चीन के चंगुल से मुक्त कराइए-मुक्त कराइए-मुक्त कराइए कारगर होगा। श्री मान ने पूर्व की बैठकों में लिए गए निर्णय को बताया और कहा कि सरकार ने हमारी कई मांगों को माना है। मुख्य रूप से हमने चीन के द्वारा आयोजित विंटर ओलंपिक के बहिष्कार की बात की थी, इसे केंद्र सरकार ने माना। हमने भारत सरकार से कहा है कि देश भर में सरकारी अस्पतालों में तिब्बती चिकित्सा पद्धति से भी इलाज कराया जाए। तिब्बतियों को भी भारत की नागरिकता दी जाए। तिब्बत की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाया जाए। देश में शिवालयों और देवालयों को सूचीबद्ध किया जाए। अल्पसंख्यकों से घिरे हुए हिंदू मंदिरों की रक्षा के लिए बड़े मंदिर की समितियों को जिम्मेदारी दी जाए। मैं गर्व से कह सकता हूं कि आज बीटीएसएस का कार्य बहुत तेजी से बढ़ रहा है। यहां तक कि चाइना द्वारा हमारी वेबसाइट को भी कई बार हैक किया गया। देश के अंदर बीटीएसएस को अब सैनिक के रूप में कार्य करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
राष्ट्रीय कोर परिषद की इस वर्ष की इस पूर्वार्द्ध बैठक “जप:2023” में देश भर से राष्ट्रीय महामंत्री त्रय डॉ. अरविंद केसरी, विजय मान व रामकुमार सिंह व राष्ट्रीय मंत्री विवेक सोनी व डॉ.सोनी सिंह सहित 42 अधिकृत प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। बैठक का समापन शनिवार दोपहर बाद होगा।
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