
निष्पक्ष एवं कर्मठ जिलाधिकारी के निष्पक्षता पर उठ रहा सवाल
देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)
जहा वर्तमान जिलाधिकारी देवरिया अपनी निष्पक्षता और कर्मठता के लिए जानी जाती है वही उन्ही के जिले में रिश्वतखोर लेखपाल रिश्वत ले कर कार्य भी नही किया और चैलेंज भी कर रहा है । इस लेखपाल द्वारा रिश्वत लेने का वीडियो भी वायरल हो रहा है ।देवरिया शहर में सुभाष चौक के मालवीय रोड पर बना लेखपाल का रिश्वत लेने का अड्डा, काम कराने के एवज में अनोखे तरीके से रिश्वत ले रहा लेखपाल सूत्रों की माने तो देवरिया जिले के सदर तहसील में रंजीत सिंह नामक लेखपाल जमकर करता है धनउगाही,जनहित के हर काम को संपूर्ण करने के लिए लेता है रिश्वत,जो की साक्षात आप वीडियो में देख सकते हैं।
इनका कोई बाल बांका ना कर पाए इसके लिए लेखपाल अपने आगे पीछे कुछ मजबूत लोगों को साथ रखता है । जहां एक तरफ योगी आदित्यनाथ जीरो टॉलरेंस का दावा ठोकते हैं वहीं दूसरी तरफ ऐसे ही सरकारी कर्मचारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साफ-सुथरी छवि वाले सरकार में अपराध एवं रिश्वतखोरी का ग्राफ बढ़ा रहे है । जनपद के तहसील सदर का है मामला।
जीरो टॉलरेंस की बड़ी-बड़ी दावे करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, लाख दावे कर लें लेकिन उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगा सकते।
बताते चलें कि सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के गृह मंडल के देवरिया तहसील में तैनात लेखपाल का है ये कारनामा वीडियो वायरल हो रहा है। दावा है कि उपरोक्त वीडियो में देवरिया तहसील में तैनात लेखपाल रंजीत सिंह काम करने के एवज में एक युवक से पैसा ले रहा है, जिसमें लेखपाल युवक से पैसा लेते हुए कह रहा है कि इतने में काम कहां से चलेगा,वहीं लेखपाल उक्त वीडियो में बोल रहा है कि बाकी पैसा कब दोगे। हाला की इस वीडियो की पुष्टि राष्ट्र की परम्परा नही करता है ।
जहां युवक द्वारा लेखपाल को कह रहा है कि इतना पैसा लेकर काम करिए बाकी पैसा काम होने के बाद दूंगा।
क्या रिश्वतखोरी में संलिप्त लेखपाल के
कारनामों को देवरिया जिले के तेज तर्रार महिला जिलाधिकारी,एन्टी करप्शन या उत्तर प्रदेश सरकार कोई ठोस कार्रवाई करेगी? या इस मामले भी जातिगत मामला बनाते हुए ठंडा झोली में डाल दिया जाएगा,
यह एक यक्ष प्रश्न बना हुआ है।
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