पुनीत मिश्र
हर वर्ष 17 नवंबर को मनाया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय छात्र दिवस युवाओं की प्रतिभा, जिज्ञासा और संघर्षशीलता को सलाम करने का अवसर है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि किसी भी समाज की वास्तविक प्रगति उसकी कक्षाओं, प्रयोगशालाओं और अध्ययन–कक्षों में तैयार हो रही नई सोच पर निर्भर करती है। छात्र ही वे चेहरे हैं जो आज पढ़ रहे हैं और कल देश को दिशा देंगे।
अंतरराष्ट्रीय छात्र दिवस का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह बताता है कि शिक्षा केवल डिग्री हासिल करने का माध्यम नहीं, बल्कि दृष्टि खोलने का द्वार है। छात्र विचारों का विस्तार करते हैं, सवाल उठाते हैं और नए समाधान तलाशते हैं। दुनिया में किसी भी बड़े परिवर्तन के पीछे विद्यार्थियों की सोच और हिम्मत नजर आती है। यह दिन विद्यार्थियों की आकांक्षाओं, अधिकारों और सुरक्षा को समझने और उन्हें प्राथमिकता देने का संदेश देता है।
भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है। यह वही युवा शक्ति है जो तकनीक, विज्ञान, स्टार्टअप, खेल, कला और नवाचार के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रही है। आज का विद्यार्थी अवसर खोजने वाला नहीं, बल्कि अवसर बनाने वाला बन चुका है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता से लेकर स्पेस रिसर्च तक, डिजिटल भारत से लेकर उद्यमिता तक—हर क्षेत्र में भारतीय छात्रों की दमदार मौजूदगी दिखाई देती है। यह बदलाव बताता है कि देश की नई पीढ़ी न केवल सपने देखती है बल्कि उन्हें साकार करने की क्षमता भी रखती है।
समाज में सबसे तेज़ी से बदलाव को समझने और स्वीकार करने की क्षमता छात्रों में ही होती है। वे परंपराओं को चुनौती देने का साहस रखते हैं और नए विचारों को अपनाते हैं। इतिहास में छात्र आंदोलनों ने कई निर्णायक मोड़ दिए हैं और आज भी विश्वविद्यालयों में होने वाली चर्चाएं तथा संवाद समाज को सजग और जीवंत बनाए रखते हैं। एक जागरूक छात्र केवल अपने करियर की ही चिंता नहीं करता, बल्कि अपने आसपास के माहौल और सामाजिक ढांचे को बेहतर बनाने में भी योगदान देता है।
डिजिटल युग में सीखने के अवसर बढ़े हैं, लेकिन चुनौतियाँ भी कई गुना बढ़ी हैं। बेहतर शिक्षा तक समान पहुंच, मानसिक स्वास्थ्य, कौशल आधारित शिक्षा की आवश्यकता, रोजगार की अनिश्चितता और तेजी से बदलती तकनीक—यह सब आज के विद्यार्थियों के सामने गंभीर मुद्दे बनकर खड़े हैं। इन परिस्थितियों में आवश्यक है कि शिक्षा को केवल पठन-पाठन तक सीमित न रखकर उसे जीवन–कौशल, नवाचार और सामाजिक जिम्मेदारी से जोड़ा जाए।
ज्ञान व्यक्ति को सक्षम बनाने के साथ-साथ उसे अपनी राह चुनने का आत्मविश्वास भी देता है। आज का विद्यार्थी न सिर्फ अपनी जिंदगी गढ़ रहा है, बल्कि अपनी सोच और रचनात्मकता से समाज और देश के भविष्य का आकार भी दे रहा है। पर्यावरण, तकनीक, सामाजिक न्याय, स्वास्थ्य, कृषि हर क्षेत्र में युवाओं की सक्रियता और संवेदनशीलता नई उम्मीद जगाती है।
अंतरराष्ट्रीय छात्र दिवस नई पीढ़ी की उस असीम क्षमता को सलाम करने का अवसर है, जो देश को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकती है। भारत का युवा आज ऊर्जा, कौशल और संकल्प से भरा है। यदि उसे सही मार्गदर्शन, अवसर और वातावरण मिले, तो उसके सपने केवल उसकी नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र की दिशा बदल सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय छात्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। नई पीढ़ी के सपनों से ही उज्ज्वल होगा भारत का कल।
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