नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा)। भारत और ओमान के बीच गुरुवार को मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर किए गए, जिसके तहत भारत के 98 प्रतिशत निर्यात को ओमान के बाजार में शुल्क-मुक्त (Duty-Free Access) प्रवेश मिलेगा। इस ऐतिहासिक समझौते से भारत के कपड़ा, कृषि उत्पाद और चमड़ा उद्योग को बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद है।
समझौते के तहत भारत भी ओमान से आयात होने वाले कुछ उत्पादों पर आयात शुल्क में कटौती करेगा। इनमें खजूर, मार्बल और पेट्रोकेमिकल उत्पाद शामिल हैं। यह FTA अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही से लागू होने की संभावना है।
अमेरिका में ऊंचे टैरिफ के बीच अहम करार
यह समझौता ऐसे समय में हुआ है, जब भारत को अपने सबसे बड़े निर्यात बाजार अमेरिका में 50 प्रतिशत तक के ऊंचे शुल्क का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में ओमान जैसे खाड़ी देश के साथ यह करार भारत के लिए रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
पीयूष गोयल-कैस अल यूसुफ की अहम बैठक
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ओमान के वाणिज्य, उद्योग और निवेश प्रोत्साहन मंत्री कैस बिन मोहम्मद अल यूसुफ से मुलाकात की। बैठक में भारत-ओमान आर्थिक सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा हुई। गोयल ने बातचीत को सकारात्मक बताते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं।
पीएम मोदी को ओमान के सुल्तान का निमंत्रण
यह बैठक ऐसे समय हुई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक के निमंत्रण पर तीन देशों के चार दिवसीय दौरे के अंतिम चरण में ओमान पहुंचे। इस दौरान दोनों नेता रणनीतिक साझेदारी और आर्थिक सहयोग विस्तार पर चर्चा करेंगे।
70 साल पुराने रिश्तों में नया अध्याय
भारत-ओमान के बीच राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे होने के अवसर पर यह समझौता दोनों देशों के रिश्तों को नई मजबूती देता है। इससे पहले सुल्तान हैथम बिन तारिक दिसंबर 2023 में भारत की राजकीय यात्रा पर आए थे।
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व्यापार और निवेश के मजबूत आंकड़े
वित्त वर्ष 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार 8.947 अरब डॉलर रहा, जो 2024-25 में बढ़कर 10.613 अरब डॉलर हो गया। ओमान में 6,000 से अधिक भारत-ओमान संयुक्त उद्यम संचालित हो रहे हैं।
भारत से ओमान में 675 मिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष निवेश है, जबकि ओमान से भारत में 610.08 मिलियन डॉलर का FDI आया है। हालांकि व्यापार संतुलन फिलहाल ओमान के पक्ष में बना हुआ है।
जीटीआरआई की रिपोर्ट में बड़ा दावा
GTRI की रिपोर्ट के अनुसार प्रस्तावित भारत-ओमान व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) से भारत के औद्योगिक निर्यात को बड़ा बढ़ावा मिलेगा। शुल्क में कटौती या समाप्ति से ओमान के बाजार में भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता में उल्लेखनीय सुधार होने की संभावना है।
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