December 23, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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कार्यस्थल पर महिलायों का लैंगिक उत्पीडन रोकने के लिए समस्त कार्यालयों में आन्तरिक शिकायत समिति का गठन होना अति आवश्यक

कुशीनगर(राष्ट्र की परम्परा) जिला प्रोबेशन अधिकारी विनय कुमार ने बताया कि कार्यस्थल पर महिलायों का लैंगिक उत्पीडन (निवारण प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 की धारा 4 के अन्तर्गत दिये गये प्रावधानों के अनुसार महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन रोकने के लिए आन्तरिक शिकायत समिति का गठन ऐसे प्रत्येक शासकिय अशासकिय एवं अर्द्धशासकिय कार्यालयों, निगमों संस्थाया, निकायों, उपक्रमों ,शाखा, परिषदों, बोर्ड, इत्यादि में कराना अनिवार्य है। उक्त के सम्बन्ध में जिलाधिकारी महोदय के तरफ से कई बार समस्त कार्यालयाध्यक्षों को आन्तरिक शिकायत समिति गठन हेतु पत्र जारी किया गया है. इसके पश्चात भी कई विभागों/कार्यालयों में अभी तक समिति का गठन नहीं किया गया है जबकि शासन के निर्देशानुसार जहाँ कार्मिकों की सं० दस से अधिक है, ऐसे सभी कार्यालयों के नियोजकों द्वारा आन्तरिक शिकायत समिति (Internal Complains Committee) का गठन किया जाना अनिवार्य है।
जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि व्यथित महिला कार्यस्थल पर हुये लैंगिक उत्पीडन से सम्बन्धित शिकायत आन्तरिक परिवाद समिति में दर्ज करा सकती हैं, समिति का गठन उस कार्यस्थल पर वरिष्ठ स्तर पर नियाजित महिला के अध्यक्षता में होगा, जिसमें दो सदस्य सम्बन्धित कार्यालय से एवं एक सदस्य गैर सरकारी संगठन से नियोजक द्वारा नामित किये जायेगे, समिति के कुल सदस्यों में से आधी सदस्य महिलाये होगी। इसके अतिरिक्त ऐस कार्यस्थल जहाँ कर्मिकों की स० दस से कम है वहां के व्यथित महिला इस प्रकार के लैंगिक उत्पीडन के शिकायत प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी द्वारा गठित स्थानीय समिति (Local Committee )में दर्ज करा सकती है, इसके अतिरिक्त व्यथित महिला ऑनलाइन पोर्टल सी बाक्स पर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है. यदि कोई नियोजक अपने कार्यस्थल में नियमानुसार आन्तरिक समिति का गठन न किये जाने पर सिद्ध दोष ठहराया जाता है तो नियोजक पर सं0 50,000/- का अर्थदण्ड अधिरोपित किये जाने का प्रावधान है तथा नियोजक दूसरी बार सिद्ध दोष ठहराये जाने पर पहली दोष सिद्ध पर अधिरोपित दण्ड का दुगने दण्ड का उत्तरदायी होगा।

जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि जिन कार्यालयों में अभी तक आन्तरिक शिकायत समिति का गठन नहीं किया गया है. वह अपने कार्यालय में समिति का गठन 07 दिवस के अन्दर अवश्य करा ले अन्यथा आन्तरिक समिति का गठित न होने पर लगने वाला रु 50,000/- तक का अर्थदण्ड के लिए आप स्वयं जिम्मेदार होगे।