खुद को सुधारें, जमाने को नहीं

मेरी रचना, मेरी कविता

——•••——
अनुभव बतलाता है कि हम लोग सबसे
ज़्यादा धोखा अपनी अच्छाई से खाते हैं,
हम सामने वाले को बिलकुल वैसा
ही मान लेते हैं, जैसा वह दिखता है।

क्योंकि हम यह नही जान पाते हैं,
और ना ही यह महसूस कर पाते हैं,
कि दुनिया में लोग तो रावण से भी
ज़्यादा अपने चेहरे छिपाये रहते हैं।

जब भारी बारिस होती है तब हमें
जीवन की चुनौतियों याद आती हैं,
और तब हम कम बारिस की विनती
करते भी हैं और नहीं भी करते हैं।

परंतु अपने सिर पर एक मजबूत
छत या छाते का प्रबंध कर लेते हैं,
यह चुनौतियों से डटकर निपटने
की एक अच्छी मनोवृत्ति होती है।

किसी इंसान की ख़ुशी पैसों पर नहीं,
परिस्थितियों पर ही निर्भर करती है,
एक बच्चा गुब्बारा पाकर ख़ुश होता है,
वहीं दूसरा उसे बेच कर ख़ुश होता है।

किसी राह पर चलते चलते अगर
किसी की कोई भी बात बुरी लगे,
तो दूसरों को बताने से पहले एक
बार उसे जरूर बता देना चाहिये।

आदित्य बदलना उसे है जमाने को नहीं,
ज़माना तो बुराइयाँ खोजता फिरता है,
किसी की भलाइयों में उसकी रुचि नहीं,
इसलिये खुद को सुधारें जमाने को नहीं।

कर्नल आदि शंकर मिश्र, आदित्य
लखनऊ

rkpnews@desk

Recent Posts

🌟 दैनिक राशिफल 15 सितम्बर 2025 🌟

✨ आज का दिन कई राशियों के लिए रोमांटिक और शुभ रहने वाला है। वहीं…

9 hours ago

लखीमपुर खीरी में किशोर का शव मिलने से तनाव, गाँव में भारी पुलिस बल तैनात

लखीमपुर खीरी।(राष्ट्र की परम्परा डेस्क)भीरा क्षेत्र के लालजी पुरवा से लापता किशोर का शव मिलने…

10 hours ago

प्रदेश में लम्पी रोग पर सख़्ती, कृषि मंत्री ने की उच्चस्तरीय समीक्षा

लखनऊ।(राष्ट्र की परम्परा डेस्क) प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने रविवार को पशुओं…

10 hours ago

भीषण सड़क हादसे मे दो की मौत एक घायल लोगों में मचा हड़कंप

शाहजहांपुर(राष्ट्र को परम्परा)खुटार थाना क्षेत्र के गांव लौंहगापुर जंगल में रविवार की सुबह एक दर्दनाक…

11 hours ago

रेल में वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली सुविधा को लागू करे सरकार

देवरिया, (राष्ट्र की परम्परा)। रविवार को भीखमपुर रोड स्थित सुहेलदेव सम्मान स्वाभिमान पार्टी के राष्ट्रीय…

11 hours ago

“पानी से नहीं, नीतियों से हारी ज़िंदगी”

बार-बार दोहराई गई त्रासदी, बाढ़ प्रबंधन क्यों है अधूरा सपना? हरियाणा और उत्तर भारत के…

11 hours ago