नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। केंद्र सरकार ने पीली मटर (Yellow Peas) के आयात पर एक नवंबर 2025 से 30 फीसदी शुल्क लगाने का फैसला किया है। हालांकि, 31 अक्तूबर या उससे पहले के बिल ऑफ लैडिंग (Bill of Lading) वाले आयात पर यह शुल्क नहीं लगेगा, यानी पुरानी खेपें शुल्क-मुक्त रहेंगी।
राजस्व विभाग की नई अधिसूचना के अनुसार, 1 नवंबर 2025 या उसके बाद जारी बिल ऑफ लैडिंग पर 10% बेसिक कस्टम ड्यूटी और 20% कृषि अवसंरचना एवं विकास उपकर (AIDC) लगाया जाएगा।
गौरतलब है कि मई 2025 में सरकार ने मार्च 2026 तक पीली मटर के शुल्क-मुक्त आयात की अनुमति दी थी, लेकिन अब सरकार ने नीति में संशोधन करते हुए यह नया शुल्क लागू कर दिया है।
आयातकों को मिलेगी आंशिक राहत
जो आयातक पहले ही माल भेज चुके हैं या जिनका बिल 31 अक्टूबर या उससे पहले जारी हुआ है, उन्हें शुल्क से छूट मिलेगी। इससे अक्टूबर तक की शिपमेंट पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन नवंबर से पीली मटर आयात महंगा हो जाएगा।
ब्रोकरों के लिए निपटान सीमा में बदलाव
सेबी (SEBI) ने योग्य स्टॉक ब्रोकरों (QSBs) के लिए वैकल्पिक T+0 (उसी दिन निपटान) प्रणाली लागू करने की समयसीमा बढ़ा दी है। इसे पहले 1 नवंबर 2025 से लागू किया जाना था, लेकिन अब सेबी ने ब्रोकरों को आवश्यक सिस्टम तैयार करने के लिए और समय देने का फैसला किया है।
सेबी ने अप्रैल 2025 में यह समयसीमा 1 मई से बढ़ाकर 1 नवंबर की थी। अब इसे आगे और बढ़ाया जाएगा। नया दिशा-निर्देश जल्द जारी किया जाएगा।
यह कदम पूंजी बाजार में लेनदेन की पारदर्शिता और गति बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
क्या होगा असर
पीली मटर का आयात महंगा होने से घरेलू दाल बाजार में कीमतें बढ़ सकती हैं।
सेबी के फैसले से ब्रोकिंग हाउस और निवेशकों को तकनीकी रूप से तैयारी का मौका मिलेगा।
सरकार का उद्देश्य है कि देशी उत्पादन को बढ़ावा मिले और दालों की निर्भरता आयात पर कम हो।
भारत के इतिहास में कुछ ऐसे व्यक्तित्व हैं, जिनकी दूरदृष्टि और दृढ़ निश्चय ने राष्ट्र…
भारत के राजनीतिक इतिहास में इंदिरा गांधी का नाम एक ऐसे व्यक्तित्व के रूप में…
कटाई से पहले खेतों में जल-भराव, किसानों की बढ़ी चिंता महराजगंज(राष्ट्र की परम्परा)। महराजगंज जिले…
देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)। विकास की राह पर बढ़ते इस जनपद में हर गली, हर चौराहे…
📌 क्या यह अमेरिका की जीत है या चीन की दूरदर्शी रणनीति?