June 17, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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नियम कानून ताख पर रख कर कृषि भूमि से मिट्टी खनन

सलेमपुर/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा) इन दिनों मिट्टी खनन का कारोबार बिना किसी रोक टोक के चल रहा है। भोर होते ही ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं बंजर भूमि से तो कहीं कृषि भूमि में जेसीबी से लगाकर मिट्टी खनन शुरू हो जाता है। इतना ही नहीं मिट्टी ढोने के लिए सर्वाधिक कृषि कार्य के लिए पंजीकृत ट्रैक्टर-ट्रालियों का प्रयोग नियम विरुद्ध किया जा रहा है। खनन विभाग सब कुछ जानते हुए भी इसे रोकने में दिलचस्पी नहीं ले रहा है जबकि पुलिस कहती है कि अवैध खनन रोकना उनका काम नहीं है। मिट्टी माफिया किसी नियम कानून की परवाह किए बगैर अवैध रूप में मिट्टी खनन कराने में लगे हुए हैं। सलेमपुर तहसील क्षेत्र के तमाम गावो में ये धंधा खूब फल फूल रहा है ।किसानों के कृषि भूमि को खन्न में लगे लोग चन्द पैसे का लालच देकर किसानों को मिट्टी के लिए राजी कर लेते है।सारे नियमों को ताख पर रख यह कृषि भूमि से मिट्टी का खनन कर रहे है ।इस मिट्टी के खेल में क्षेत्र के कई सारे रसूख वाले लोगो का व्यवसाय जो चल रहा है। इस लिए इस विभाग के लोग भी हाथ डालने से कतराते है।

क्या कहता है सरकारी नियम

किसान द्वारा 100 घन मीटर तक मिट्टी के खनन के लिए भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के माइन मित्रा पोर्टल पर आवेदन करना होगा। आवेदन करने के साथ ही खनन व परिवहन मान्य होगा इस खनन में किसानों द्वारा हाथ से कुदाल आदि से मिट्टी निकलने की अनुमति है ।किसान अपने निजी उपयोग के लिए स्वयं की भूमि से साधारण मिट्टी के खनन/परिवहन के लिए माइन मित्रा पोर्टल पर आवेदन करेगा । पंजीकरण करने के पूर्व किसानों को नाम, पता, मोबाइल नंबर भरकर लागिन बनाना होगा। इसके आवेदक का नाम, मोबाइल नंबर, साधारण मिट्टी की मात्रा, खतौनी, खनन का प्रयोजन, आवेदित खनन क्षेत्र का पूर्ण विवरण दर्ज करना अनिवार्य होगा। पंजीकरण के उपरांत प्रमाण-पत्र जारी होगा जो परिवहन प्रपत्र के रूप में मान्य होगा।
जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही है धड़ल्ले से जेसीबी का उपयोग कर मिट्टी निकाली जा रही है।जिसका न ही कही रजिस्ट्रेशन किया जाता है ।नही मिट्टी निकालने के नियमो का पालन किया जाता है।