गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल, महामहिम आनंदीबेन पटेल ने क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग 2025 (साउदर्न एशिया) में उल्लेखनीय स्थान प्राप्त करने वाले दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय सहित उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों को सम्मानित करने के लिए राजभवन में एक भव्य समारोह का आयोजन किया। यह ऐतिहासिक आयोजन राज्य के विश्वविद्यालयों की अद्वितीय उपलब्धियों का उत्सव मनाने के साथ-साथ शिक्षा और अनुसंधान की गुणवत्ता को वैश्विक मानकों तक ले जाने के सामूहिक प्रयासों पर बल देने का अवसर बना। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए शैक्षणिक समुदाय के लिए इस उपलब्धि के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “वैश्विक स्तर पर भारत को शैक्षणिक केंद्र के रूप में स्थापित करने” के दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए भारतीय विश्वविद्यालयों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “शिक्षक और विद्यार्थी विश्वविद्यालय के दो सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। इन दोनों को इस उत्सव का अभिन्न हिस्सा बनना चाहिए क्योंकि इन्हीं के परिश्रम, समर्पण और सहयोग ने इन उपलब्धियों को संभव बनाया है।” समारोह में क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में शामिल प्रत्येक विश्वविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के निदेशक और 10 छात्रों ने भाग लिया। इस आयोजन का उद्देश्य छात्रों को उनके विश्वविद्यालयों की उपलब्धियों से अवगत कराना और उन्हें शिक्षा व अनुसंधान की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रेरित करना था। छात्रों को यह भी प्रोत्साहित किया गया कि वे अपने विचार साझा करें कि उनके संस्थान किस प्रकार और बेहतर बन सकते हैं और भविष्य में उच्च रैंकिंग हासिल कर सकते हैं। सम्मानित संस्थानों में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने विशेष स्थान प्राप्त किया। यह विश्वविद्यालय क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग 2025 (साउदर्न एशिया) में 240वें स्थान पर रहा। साथ ही, यह उत्तर प्रदेश के राज्य सार्वजनिक विश्वविद्यालयों में दूसरा सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने में सफल रहा। यह उपलब्धि विश्वविद्यालय की शिक्षा, अनुसंधान और अकादमिक उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इस वर्ष क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग 2025 (साउदर्न एशिया) में उत्तर प्रदेश के 18 उच्च शिक्षण संस्थानों ने अपनी जगह बनाई, जो राज्य के उच्च शिक्षा क्षेत्र में लगातार हो रही प्रगति का प्रमाण है। गौरतलब है कि इस बार एशियाई क्षेत्रीय स्तर पर 160 से अधिक भारतीय उच्च शिक्षण संस्थान शामिल हुए, जो वैश्विक शैक्षणिक मंच पर भारत की बढ़ती उपस्थिति और प्रभावशीलता का संकेत है। सम्मान समारोह का समापन सभी भाग लेने वाले संस्थानों द्वारा अपनी अकादमिक और अनुसंधान पहलों को और सशक्त बनाने के संकल्प के साथ हुआ। यह आयोजन भारतीय विश्वविद्यालयों की वैश्विक उपस्थिति को और बढ़ाने तथा निरंतर प्रगति सुनिश्चित करने के लिए एकजुट प्रयासों का प्रतीक बना।
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