बलिया( राष्ट्र की परम्परा)
विश्व श्रवण दिवस के अवसर पर सर्व सेवा संस्थान, नवरतनपुर, द्वारा श्रवण जागरूकता डोर टू डोर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों को श्रवण दोष और कान की देखभाल के बारे में जागरूक करना। जिससे श्रवण दोष को होने से बचाया जा सके।
इस अवसर पर संस्था प्राचार्या-ममता प्रजापति ने बताया कि हर साल 3 मार्च को विश्व श्रवण दिवस के रूप में मनाया जाता है, ताकि लोगों में बहरेपन और सुनने की हानि को रोकने को लेकर जागरूकता बढ़ाई जा सके। यह दुनिया भर में कान और सुनने से जुड़ी देखभाल को बढ़ावा देने के लिए भी मनाया जाता है। श्रवण दोष के निम्न कारण हो सकतें है, जन्म के तुरन्त बाद बच्चे को तेज बुखार का आना बच्चे की श्रवण दिव्यांगता के कारण हो सकता हैै, समय-समय पर टीकाकरण न कराने के कारण श्रवण दोष हो सकता है, बच्चे को संक्रमित रोग हो जाने पर जैसे- टी.वी, काली खासी, टाइफाईड, पीलिया, मेनिन्जाइटिस आदि, दुर्घटना या चोट लग जाने के कारण श्रवण दोष हो सकता है, बच्चे को माइसिन ग्रुप की दवा देने से दवा रियेक्सन कर सकती है, जिसके कारण श्रवण दोष हो सकता है, कान में किसी प्रकार के खराबी होने के कारण श्रवण दोष हो सकता है, कान पर थप्पड़़ मारने के कारण श्रवण दोष हो सकता है, कान में अधिक मात्रा में वैक्स जमा होने के कारण श्रवण दोष हो सकता है, कान में तेल अथवा पानी जाने के कारण श्रवण दोष हो सकता है साथ ही इसके बचाव के बारे में बताया गया।
इस अवसर पर सिंधराज, अतुल कुमार, अनुराग मनी, संदीप कुमार प्रजापति, सुनिल कुमार प्रजापति, अवधेश यादव, नागेद्र यादव, पवन, आनन्द यादव, सतीश आदि एवं डी एड विशेष शिक्षा-श्रवण बाधिता व बौद्धिक अक्षमता के छात्र उपस्थित रहे।
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