December 23, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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लोभ मोह अहंकार ऐसे दुर्गुण हैं जो मानव के सद्गुणों को लूट रहे हैं-कथावाचक

सिकन्दरपुर /बलिया (राष्ट्र की परम्परा)
क्षेत्र के पुरूषोत्तम पट्टी में आयोजित गायत्री महायज्ञ के दौरान कथा के क्रम में कथा वाचक आचार्य गुलाब जी ने कहा कि लोभ, मोह, अहंकार ऐसे हैं, जो मनुष्य के सद्गुणों को लूट रहे हैं ऐसे में सद्बुद्धि की देवी विश्वमाता मां गायत्री ऐसी ब्रह्मास्त्र है जिसे अपनाकर समाज एवं राष्ट्र का नव निर्माण हो सकता है।कहा कि मनुष्य को भौतिक सुंदरता की अपेक्षा आत्मिक सुंदरता पर बल देना चाहिए।जब मनुष्य पारखी की तरह आत्मिक सुंदरता कर लेता है तो,उसका जीवन उत्कृष्ट बन जाता है और वह मानव से महामानव बनता चला जाता है।वर्तमान परिवेश में शरीर रूपी राज में मन राजा तथा आत्मा मंत्र हो गया है जिसके कारण मनुष्य का पूरा जीवन तहस-नहस हो गया है। मनुष्य के अंदर जब आत्मिक सुधार की इच्छा जागृत हो जाएगी तो इसका जीवन धीरे धीरे समाज के नव निर्माण हेतु लगता जाएगा।जब जागो तभी सवेरा उस दिन मनुष्य आत्मा रूपी राजा की आवाज मन रूपी मंत्री तथा बुद्धि के सारथी इंद्री रूपी घोड़े गुमान कर अपना जीवन शुरू करेगा तो जीवन की सारी समस्याओं का समाधान अपने आप होता जाएगा
प्रातः कालीन योग की कक्षा योगाचार्य जी द्वारा की गई जिसमें विभिन्न प्रकार के रोगों का इलाज योग के माध्यम से किया गया। तत्पश्चात शांतिकुंज के आचार्य द्वारा कुण्डीव यज्ञशाला में देवपूजन देव आवाहन वैदिक मंत्र द्वारा किया गया। देव पूजन के मुख्य यजमान सप्तनिक के द्वारा विधिपूर्वक की है 9 कुण्डीव यज्ञशाला में सैकड़ों सहभागीयो ने यज्ञ की आहुति दी यज्ञ का कार्यक्रम तीन पालीयों में चला।
यज्ञ को सफल बनाने में मुख्य रूप से डॉ राजकुमार जी, भगवान दास जी, विजयलक्ष्मी, विजयेंद्र, डॉ धीरेंद्र, डॉ मुसाफिर चौहान, सुनील कुमार,योगेंद्र, परशुराम जी, सुभाष जी, कमलेश जी, सुग्रीव जी, विवेकानंद, आदित्य कुमार ,धर्मेंद्र प्रताप, प्रसिद्ध नाथ एवं रमाकांत जी का सहयोग प्रशंसनीय रहा।