चार दिन की रिकॉर्ड तेजी के बाद मंगलवार को सोने की कीमतों में नरमी देखने को मिली। अखिल भारतीय सर्राफा एसोसिएशन के अनुसार, हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन सोना 1,700 रुपये टूटकर 1,35,900 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर आ गया। वैश्विक बाजारों में कमजोरी और निवेशकों की मुनाफावसूली के चलते कीमती धातुओं पर दबाव बना।
चार सत्रों की तेजी के बाद टूटा सोना
99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना सोमवार को 4,000 रुपये की तेजी के साथ 1,37,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया था। इससे पहले लगातार चार कारोबारी सत्रों में सोने की कीमतों में करीब 6,000 रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी।
एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च – कमोडिटी एंड करेंसी) जतीन त्रिवेदी ने कहा कि सोने में मुनाफावसूली देखने को मिली, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें दबाव में रहीं और पीली धातु 4,275 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस के स्तर की ओर फिसल गई।
रुपये की कमजोरी से नुकसान सीमित
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट दिलीप परमार के अनुसार, घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में नरमी जरूर आई, लेकिन भारतीय रुपये की कमजोरी ने गिरावट को काफी हद तक सीमित कर दिया। रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर के आसपास बना रहा, जिससे घरेलू कीमतों को कुछ सहारा मिला।
चांदी भी 1000 रुपये सस्ती
स्थानीय बुलियन बाजार में चांदी की कीमतों में भी 1,000 रुपये की गिरावट दर्ज की गई। चांदी अब 1,98,500 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) पर आ गई है। हालांकि इससे पहले चांदी 1,99,500 रुपये प्रति किलोग्राम के अपने अब तक के उच्चतम स्तर पर स्थिर थी।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी दबाव
अंतरराष्ट्रीय बाजार में हाजिर सोने की कीमत में पांच दिनों की तेजी का सिलसिला टूट गया और यह 27.80 डॉलर या 0.65% गिरकर 4,277.42 डॉलर प्रति औंस पर आ गया।
वहीं हाजिर चांदी की कीमत 1.07 डॉलर या 1.67% गिरकर 63.02 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई।
अमेरिकी आंकड़ों पर निवेशकों की नजर
विशेषज्ञों के अनुसार, इस सप्ताह जारी होने वाले अमेरिकी आर्थिक आंकड़े, खासकर नॉन-फार्म पेरोल (NFP) रिपोर्ट से पहले निवेशक सतर्क रुख अपना रहे हैं। ये आंकड़े फेडरल रिजर्व की भविष्य की ब्याज दर नीति को लेकर संकेत दे सकते हैं, जिसका सीधा असर सोने-चांदी की कीमतों पर पड़ता है।
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