सम्बंधित अधिकारी गौशालाओं में रह कर गौशाला की समस्याओं को करेंगे दूर
देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में गोवंश संरक्षण हेतु जनपदीय मूल्यांकन एवं अनुश्रवण समिति की बैठक विकास भवन स्थित गांधी सभागार में शनिवार देर सायं आयोजित हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने गोवंश संरक्षण की दिशा में अभिनव पहल करते हुए आगामी 4 जून को गौशाला प्रवास दिवस आयोजित करने का निर्देश दिया। इस दिन गौशाला के रखरखाव से जुड़े सभी संबंधित अधिकारी पूरा दिन गौशाला में ही बिताएंगे और कमियों को दूर कर गौ-सेवा करेंगे।
जिलाधिकारी ने कहा कि यह देखने में आया है कि गौ आश्रय स्थल के प्रबंधन के लिए जवाबदेह कतिपय अधिकारी अपने दायित्वों की खानापूर्ति कर रहे हैं। अधिकारी गौशाला को पर्याप्त समय नहीं दे रहे जिससे छोटी-छोटी समस्याएं प्रायः आती रहती है। इस समस्या को देखते हुए अधिकारियों को चार जून को सुबह आठ से शाम छह बजे तक गौशाला में प्रवास करने का निर्देश दिया गया है। बीडीओ, वेटनरी ऑफिसर तथा एडीओ पंचायत अपने-अपने क्षेत्रों की गौशालाओं में रह कर गौशाला की समस्याओं को दूर कराएंगे।
सीवीओ अरविंद कुमार वैश्य ने बताया कि जनपद के 24 गो आश्रय स्थलों में कुल 1517 गोवंश संरक्षित है, जिसमें 1416 नर एवं 101 मादा है। उन्होंने बताया कि आठ अस्थाई गो आश्रय स्थलों में 317 गोवंश, कांजी हाउस में 209 गोवंश, पांच कान्हा गौशालाओं में 583 गोवंश तथा दो बृहद गो संरक्षण केंद्र में 408 गोवंश संरक्षित हैं।सहभागिता योजना के अंतर्गत जनपद के विभिन्न विकास खंडों के 140 लाभार्थियों को 345 निराश्रित गोवंश प्रदान किये गए है। इस योजना के अंतर्गत निराश्रित गोवंश को गोद लेने वाले व्यक्ति को प्रति गोवंश 900 रुपये प्रतिमाह देने का प्रावधान है। एक व्यक्ति अधिकतम चार गोवंश को गोद ले सकता है। जिलाधिकारी ने लाभार्थियों का सत्यापन कराने का निर्देश दिया।
तहसील स्तरीय विकासखंड भाटपाररानी, देवरिया एवं सलेमपुर में कैटलकैचर का क्रय लिया गया है। डीएम ने रुद्रपुर एवं बरहज में भी शीघ्र ही प्रक्रिया पूर्ण करने का निर्देश दिया। उन्होंने निराश्रित गोवंशों को संरक्षण स्थल पर पहुंचाने के लिए व्यापक अभियान चलाने का निर्देश भी दिया। उन्होंने कहा कि गोवंशों का संरक्षण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसमें लापरवाही न बरती जाए। डीएम ने गोशालाओं से निकलने वाले गोबर का व्यवसायिक उपयोग बढाने पर बल दिया। कहा कि गोबर से कंपोस्ट खाद, अगरबत्ती, कंडे सहित कई व्यवसायिक गतिविधियों को संचालित किया जा सकता है। गोबर का अभिलेखीकरण भी सुनिश्चित किया जाए।सीवीओ ने डीएम को अवगत कराया कि भागलपुर ब्लॉक के परसिया चंदौर, पथरदेवा के भैंसाडाबर, रामपुर कारखाना के हरपुर कला, सलेमपुर के महुई पांडेय में एक एकड़ से अधिक भू-क्षेत्र में हरे चारे की बुआई कराई गई है।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार, जिला विकास अधिकारी रवि शंकर राय, अपर मुख्य अधिकारी ज्ञानधन सिंह, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, समस्त उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी / पशु चिकित्सा अधिकारी, जिला पंचायतराज अधिकारी, समस्त खण्ड विकास अधिकारी, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका / नगर पंचायत, जिला स्तरीय अधिकारी / नोडल अधिकारी गोशाला इत्यादि उपस्थित थे।
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