July 7, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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डीएम की अध्यक्षता में एफपीओ की बैठक सम्पन्न

संत कबीर नगर ( राष्ट्र की परम्परा)। जिलाधिकारी महेन्द्र सिंह तंवर की अध्यक्षता में कृषक उत्पादक संगठन का प्रशिक्षण/कार्यशाला कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई।
प्रशिक्षण में अमिनेश श्रीवास्तव फैसिलिटेटर एफपीओ जनपद संत कबीर नगर द्वारा एफपीओ शक्ति पोर्टल पर एफपीओ की क्रियाकलाप एवं उनकी क्षमता के अनुसार रैंकिंग के बारे में जानकारी दी। शक्ति पोर्टल पर कृषक उत्पादक संगठन भारतवर्ष के खरीदारों के माध्यम से जुड़ सकते हैं और अपने उत्पाद को बेहतर मूल्य पर बिक्री कर सकते हैं।
उप निदेशक कृषि डा. राकेश कुमार सिंह द्वारा बताया गया कि विभाग विभाग द्वारा फार्म मशीनरी बैंक बीज विधान संयंत्र मिलेट्स प्रोसेसिंग यूनिट मिलेट स्टोर मोबाइल मिले स्टोर एवं अन्य कृषि यंत्र ऑयल मिल स्मॉल राइस मिल स्मॉल गोदाम इत्यादि अनुदान पर दिए जाते हैं। जिला उद्यान अधिकारी द्वारा बताया गया कि खाद्य प्रसंस्करण के अंतर्गत कृषक उत्पादक संगठनों एवं निजी कृषकों को अनुदान पर इकाइयां स्थापित करने हेतु 90 प्रतिशत प्रोत्साहन धनराशी से उपलब्ध कराई जाती है। इसी प्रकार जिला प्रबंधक उद्योग केंद्र के द्वारा बताया गया कि प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत कृषक संगठनों को जो कंपनी एक्ट या सहकारिता एक्ट में बने हैं उन्हें लागत धनराशि का 16 से 35 प्रतिशत अनुदान पर ऋण सीमा उपलब्ध कराई जाती है। इसी प्रकार ऋण ब्याज पर एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के अंतर्गत ऋण सीमा पर 3 प्रतिशत छूट उपलब्ध कराई जाती है।
जिलाधिकारी महोदय द्वारा बैठक में उप कृषि निदेशक को निर्देशित करते हुए कहा कि बैंक की तरफ से आने वाली समस्याओं को सूचीबद्ध कर आगामी बैठक में शामिल किया जाए साथ ही विभागों द्वारा संचालित योजनाएं एवं कृषक उत्पादक संगठन की क्रियाकलाप की प्रस्तुति की जाए, जिससे कि वह किसानों के साथ जुड़कर आधुनिक खेती में आगे बढ़ सके और अपने उत्पाद को बेहतर मूल्य दिलाये जाने के साथ-साथ निर्यात प्रोत्साहन के साथ उसको जोड़ा जा सके।
इस अवसर पर निदेशक एफपीओ अमर राय, नगर पंचायत हैंसर प्रतिनिधि नीलमणि, जिला कृषि अधिकारी पीसी विश्वकर्मा, भूमि संरक्षण अधिकारी सीपी सिंह, जिला कृषि रक्षा अधिकारी शशांक, उपायुक्त उपायुक्त राजकुमार शर्मा, प्रगतिशील किसान सुरेन्द्र राय सहित सम्बंधित अधिकारी आदि उपस्थित रहे।
एक अन्य समाचार के अनुसार जिलाधिकारी महेन्द्र सिंह तंवर की अध्यक्षता में उद्यान विभाग, पशु पालन एवं मत्स्य विभाग के क्रियाकलापों एवं योजनाओं की समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी संत कुमार उपस्थित रहे।
जिला उद्यान अधिकारी द्वारा बताया गया कि उद्यान विभाग के अंतर्गत आईजीआरएस के माध्यम से 6 शिकायत के मामले प्राप्त हुए थे, जिन्हें ससमय निस्तारित कर लिया गया था। पिछली बैठक के दौरान दिए गए सभी निर्देशों का अनुपालन कर लिया गया था। एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के अंतर्गत शाकभाजी क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम में 125 हेक्टेयर के लक्ष्य के सापेक्ष 132 हेक्टेयर हेतु कृषको द्वारा पंजीकरण कराया गया है। लक्ष्यों की पूर्ति माह फरवरी में कर ली जाएगी।
उद्यान अधिकारी द्वारा बताया गया कि बखिरा झील के आस पास के क्षेत्र में औद्यानिक फसलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से खलीलाबाद फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी तथा स्मार्ट यील्ड फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी द्वारा इच्छा व्यक्त की गई है। इनके द्वारा 50 हेक्टेयर क्षेत्रफल में केले की खेती तथा केला आधारित उद्योग लगाया जाएगा।
इसी क्रम में जिलाधिकारी द्वारा पशुपालन विभाग की समीक्षा के दौरान जनपद में स्थापित गौवंश आश्रय स्थल में संरक्षित गोवंश के रखरखाव, चिकित्सा व्यवस्था, ठंड से बचाव की व्यवस्था तथा अभियान के तहत गोवंश संरक्षण एवं मा० मुख्य मंत्री दर्पण पोर्टल की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये। जिलाधिकारी ने गो-आश्रय स्थल पर हरे चारे की व्यवस्था हेतु तहसीलों के समस्त उपजिलाधिकारी से व्यक्तिगत संपर्क कर ग्रामवार बंजर, चारगाह की सूची प्राप्त कर उपलब्ध कराने हेतु निर्देश दिये गये तथा संरक्षण अभियान के तहत समस्त कैटिल कैचर चालू हालत में रखने तथा आश्रय स्थल पर ठण्ड से बचाव हेतु समुचित व्यवस्था कराने हेतु समस्त खण्ड विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया। समस्त आश्रय स्थलो का स्थलीय सत्यापन कर आश्रय स्थल पर चूनी, चोकर, भूसा एवं हरे चारे की पर्याप्त व्यवस्था हेतु तथा प्रतिदिन भ्रमण कर गोवंशो के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु समस्त पशु चिकित्साविद् को निर्देशित किया गया साथ ही साथ जिलाधिकारी द्वारा मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया गया कि प्रत्येक पशुचिकित्साविद् द्वारा कम से कम 15 से 20 गोवंश मा0 मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के इच्छुक लाभार्थियों का आवेदन पत्र प्रस्तुत करने हेतु निर्देश दिया गया।
इसी क्रम में मत्स्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पादा योजना एवं मछुआरा दुर्घटना बीमा योजना की समीक्षा के दौरान संतोषजनक प्रगति पायी गयी।