
सादुल्लानगर/ बलरामपुर(राष्ट्र की परम्परा)। सरकार द्वारा धान की खरीदी के लिए बनाए गए क्रय केंद्रों की कमी के कारण किसान अपनी उपज बिचौलियों को औने-पौने दाम पर बेचने को विवश हो रहे हैं। यह स्थिति किसानों की मेहनत पर सीधा असर डाल रही है और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का लाभ उन तक पहुंचाने में असफल साबित हो रही है।
धान की फसल कटाई के बाद मंडियों में पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है, लेकिन क्रय केंद्रों की कमी और उनके संचालन में देरी ने किसानों को भारी नुकसान की ओर धकेल दिया है। किसान अपनी उपज लेकर घंटों मंडियों में इंतजार करते हैं, लेकिन खरीद प्रक्रिया में देरी और केंद्रों पर अव्यवस्था की वजह से उनकी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं।
इलाकों में क्रय केंद्र पर्याप्त संख्या में नहीं हैं। जो केंद्र मौजूद हैं, वे भी कागजी कार्यवाही और तकनीकी खामियों के चलते किसानों को निराश कर रहे हैं।
रेहराबाजार के किसान शेषराम,हनुमान प्रसाद वर्मा राम बचन,उदयभान,तित्तीर, भरोसे, राधेश्याम श्रीवास्तव व गंगाराम कहते हैं, कि धान क्रय केन्द्र नही होने से मजबूरी में हमें बिचौलियों को 1500 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से धान बेचना पड़ा, जबकि सरकार ने 2300 व ग्रेट ए 2320रुपये प्रति क्विंटल का वादा किया था।”
इसी तरह सादुल्लानगर के किसान रघुवीर,सुधाकार,बलवंत,मनोज,नंदकिशोर, रमेश व विदेश्वरी प्रसाद धान क्रय केन्द्र नही होने से आखिरकार उन्हें धान 1700 रुपये प्रति क्विंटल में बेचना पड़ा।
सरकार से अपील
किसानों ने सरकार से मांग की है कि अधिक से अधिक क्रय केंद्र खोले जाएं और उनकी संचालन प्रक्रिया को सुगम बनाया जाए। साथ ही, बिचौलियों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाए ताकि किसान को उसका उचित हक मिल सके।
उपजिलाधिकारी अवधेश कुमार ने बताया कि धान क्रय केन्द्र खुलवाने का हमारे स्तर का नही है।
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