January 21, 2025

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

फूलों की खेती से होता हैं परिवार का भरण पोषण

बरहज/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)l नगरपालिका क्षेत्र बालू छापर के पास फूलों की खेती से चलता है राम प्रताप का परिवार। आपको बताते चले कि नगर पंचायत भलुअनी रहने वाले राम प्रताप कुशवाहा पुत्र राम नगीना कुशवाहा 2 एकड़ खेत बलुआ छापर में रेहन पर लेकर फूलों की खेती करते हैं,और इन फूलों को नजदीकी बाजारों में बेच कर अपने परिवार का भरण पोषण करते है। इन फूलों की खेती से उनको 1 वर्ष में लगभग 2 लाख रुपये का बचत होता है जिससे अपने बच्चों को विद्यालय में पढ़ाने का कार्य करते है।
इस दौरान राम प्रताप कुशवाहा ने बताया कि बारहवीं की परीक्षा पास करने के बाद नौकरी की तलाश में इस शहर से उस शहर में भटक रहे थे, लेकिन नौकरी नहीं मिली। उन्होंने बताया कि मैने हिम्मत नहीं हारा और भारत के पुना, हिमाचल, आंध्र प्रदेश केरल सहित आदि कृषि विज्ञान केंद्रों से गेंदा के फूलों की खेती व गुलाब के फूलों सहित इत्यादि फसलों की तकनीकी जानकारी प्राप्त की।
विगत दो वर्षों से कृषि विज्ञान केंद्र भाटपार रानी से तकनीकी जानकारी प्राप्त कर दो एकड़ खेत में फूलों की खेती करना शुरू किया।उन्होंने बताया कि खेती की कुल लागत 60000 होता है खेती से हमको लगभग 1 लाख रुपये की आमदनी होता है, 10 मजदूरों को मजदूरी देने के बाद हमें प्रतिवर्ष अच्छा बचत हो जाता है, जिससे मैं अपने परिवार का भरण पोषण करता हूं। फूल नजदीकी बाजारो में ही बिक जाता है इसके लिए कहीं दूर नहीं जाना पड़ता हैं।