कुशीनगर(राष्ट्र की परम्परा)जनपद के जिला कृषि रक्षा अधिकारी मेनका सिंह ने मक्का पर फॉल आर्मी वर्म (FAW) स्पोडोप्टेरा फ्रुगिपेर्ड। पर सलाह के सम्बन्ध में बताया कि फॉल आर्मी वर्म एक आक्रामक बहुभक्षी आर्थिक रूप से एक महत्वपूर्ण कीट है, जो विशेष रूप से मक्के की फसल को काफी नुकसान पहुंचा रहा है। इस कीट के पिछले पंख सफेद और अगले पंख भूरे रंग के होते है।
उन्होंने बताया कि कीट मेजबान पौधों या पेड़ के पत्तियों के नीचे 50 या इससे अधिक के समूह में अपने अण्डे देते है. इस कीट के कैटरपिलर उल्टे Y जैसे 1.5 से 2 इन्च तक हो सकते हैं, इनको जीवन चक्र लगभग 28 दिनो का होता है। यह कीट मूलतः उष्णकटिबन्धीय और उपोष्ण कटिबन्धीय क्षेत्रों में पाया जाता है। पूरे देश मे मक्के की फसल की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए सम्भावना है कि यह कीट भविष्य में व्यापक नुकसान पहुँचा सकता है, इसलिए पहले से ही कीट के हमले को रोकने के लिए निम्नलिखित रणनीतियों का सुझाव दिया जा सकता है:-
- गर्मियो में गहरी जुताई करें जिससे इस कीट के प्यूपा शिकारियों के सम्पर्क मे आ जायेगा तथा तेज धूप से स्वतः निष्क्रिय हो जायेगा। 2.अरहर,चना एवं मूँग जैसी उपयुक्त दलहनी फसलों के साथ मक्के की सहफसली खेती अपनाई जाय ।
- फसल की प्रारम्भिक अवस्था (30 दिन तक) के दौरान 10 प्रति एकड़ की दर से पक्षियों के बैठने के लिए (वर्ड पर्चर) स्थान बनाना चाहिए।
- मक्के के खेत के चारों तरफ ट्रैप फसलें जैसे नैपियर की 3-4 पंक्तियों की बुवाई करें और जैसे ही ट्रैप फसलों में फॉल आर्मी वर्म के लक्षण दिखाई देने पर एजाडिरेक्टिन 5% का छिड़काव करें।
- बुवाई के पहले तीस दिनों मे रेत+चूना 9:1 के अनुपात में प्रयोग करें। 6. बड़े पैमाने पर नर पतंगो को नष्ट करने हेतु खेत में 15 प्रति एकड़ की दर से फेरोमोन जाल स्थापित करना चाहिए। 7. ट्राइकोग्रामा प्रीटियोसम और टेलेमानस रीमस जैसे अण्डों के परजीवियों को फॉल आर्मी वर्म के अण्डों के चरण को नष्ट करने के लिए साप्ताहिक अन्तराल पर 50000/ एकड़ की दर से छोड़ा जा सकता है (खेत में छोड़ने के समय रासायनिक कीटनाशकों के प्रयोग से बचें)।
8- बायो पेस्टिसाइड व्यूवेरिया वेसियाना और वर्टी सिलियम लेकानी को 5 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें।
9- एनपीवी फॉर्मूलेशन 5 ग्राम प्रति लीटर के हिसाब से प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करना चाहिए।
10- मक्के की फसल में FAW का 5% ईटीएल (आर्थिक सीमा स्तर) होने पर लैम्बडा साइलोथरीन 9. 5% Z C 80 मिलीलीटर प्रति 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करें ।
👉मक्के की फसल में दाना बनने की अवस्था में कीटनाशक रसायनों का प्रयोग ना करें बल्कि बायोपेस्टिसाइड व्यूवेरिया वेसियाना या नीम आधारित प्राकृतिक रसायन का प्रयोग करें।
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