July 8, 2025

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरणास्रोत बने किसान महेंद्र सिंह

दर्जनों प्रशस्ति पत्र एवं पुरस्कार से सम्मानित हो चुके महेन्द्र सिंह

1 गाय से 30 एकड़ खेती का अनुभव बता रहे महेंद्र सिंह

आजमगढ़ ( राष्ट्र की परम्परा )
भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार के द्वारा प्राकृतिक खेती के लिए कई सम्मान से सम्मानित, किसान महेन्द्र सिंह 2016 से प्रगतिशील किसान के रूप में अपनी पहचान बनाये हुए हैं । आपको बताते चलें कि महेंद्र सिंह द्वारा प्राकृतिक खेती की शुरुआत 1 एकड़ से शुरू की गई, जबकि इस समय 5 एकड़ भूमि पर प्राकृतिक खेती इनके द्वारा किया जा रहा है । इनके द्वारा किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए जागरूक किया जा रहा है । बहुत से किसान इनसे प्रभावित होकर प्राकृतिक खेती करके कम लागत में अधिक पैदावार कर रहे हैं ,और जहरमुक्त अनाज के लिए प्रेरणास्रोत बने हुए हैं । किसान महेंन्द्र सिंह के द्वारा गाय से 30 एकड़ खेती करने की विधि बतायी जा रही है जो लोगों के किए प्रेरणास्रोत बने हुए हैं ।
फूलपुर ब्लाक के खरसहन खुर्द निवासी महेंद्र सिंह के द्वारा इस समय आजमगढ़ जिला के अलावा प्रदेश के दर्जनों जिले में प्राकृतिक खेती के वैज्ञानिक डॉ सुबास पार्लेकर के विधि से खेती के बारे में जागरूक किया जा रहा है । प्राकृतिक खेती के प्रगतिशील किसान महेन्द्र सिंह का कहना है कि 1 गाय से 30 एकड़ खेती कम लागत में किया जा सकता है । गाय के गोबर और मूत्र से जीवामृत,निमास्त्र ,घन जीवामृत आदि खाद तैयार करते हैं । बीना रासायनिक खाद के कम लागत में जहरमुक्त अनाज पैदा करते हैं ,और इतना ही नही हमारे खेतो की उर्वरा शक्ति बनी रहती है । मुख्य फसल के सह फसल की खेती करने से आम के आम और गुठलियों के दाम भी मिल जाते हैं । इस अनाज को दोगुने ,तीन गुने दामों पर बेच देते हैं । हमारे द्वारा दिये गए प्राकृतिक खेती के प्रशिक्षण से प्रभावित होकर जिले के दर्जनों किसान अब प्राकृतिक खेती करने की शुरुआत कर चुके हैं । उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती जो कृषि वैज्ञानिक डॉ सुभाष पार्लेरकर के प्रशिक्षण से प्रभावित होकर 2016 से मैं प्राकृतिक खेती की 1 एकड़ की शुरुआत किया हु , इस समय 5 एकड़ की खेती कर रहा हू । हमारे द्वारा प्राकृतिक खेती के बारे में चलाये गए प्रशिक्षण का परिणाम है कि भारत सरकार और प्रदेश सरकार के अलावा दर्जनों प्रशस्ति पत्र और पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है ।