July 5, 2025

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

शराब पीना हानिकारक है

जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि,
कवि तो सभी का होता है, पियक्कड़
तो क्या कवि तो सारी कायनात पर
उत्तम कविता की रचना कर देता है।

कहा कवि समाज को मेरा सलाम,
पीने वालों पर और उनकी पसन्द
यानी अंग्रेज़ी सोमरस पर लिखिए,
मैने कहा कुछ लिख कर भेज दीजिये।

क्षमा करना, मैं न सोमरस पीता हूँ,
और न अंग्रेज़ी पीने का शौक़ रखता हूँ,
पर जब किसी ने लिखने को कहा,
तो पीने वालों के लिए लिखता हूँ।

बार में बैठे मित्रों से सुना कि आज
तो “विश्व अल्कोहल दिवस” है,
इसलिए सभी पीने वाले भाइयों को
हैपी “विश्व अल्कोहल दिवस” है।

हमारी समस्यायें हावर्ड दो हज़ार और,
हावर्ड पाँच हज़ार से दूर हो सकती हैं,
इसलिए रायल चेलेन्जर की तरह ही
हम सब पीने वाले उन्हें स्वीकार करते हैं।

अन्यथा लोग हमें ओल्ड मोंक कहेंगे
और ब्लैक लेबल का ठप्पा लगा देंगे,
इसलिए टीचर्स से ही सीख लेकर,
जैक डेनियल जैसे ही संघर्ष करेंगे।

बैग पाईपर की तरह रहना और
जोनी वाकर की तरह ही घूमना,
एट पीएम तक ख़ूब काम करना और
डाइरेक्टर स्पेशल जैसा सोचना है।

किंग फ़िशर की भाँति पकड़ना और
नाक आऊट से समस्या हल करना,
तभी ज़िंदगी इम्पीरियल बन पाएगी,
और हमें अरिस्टोक्रेट भी बनाएगी।

हंड्रेड पाईपर तो पहुँच से दूर होगी,
ब्लेंडर्स प्राइड की क़ीमत ऊँची होगी,
जो मिले उसी से काम चलाना होगा,
तभी हमारे सिग्नेचर का महत्व होगा।

इस संदेश को कृपया आगे बढ़ाइये,
इस कविता का भरपूर लुत्फ़ उठाइये,
और आदित्य सेंट पीटर स्काच का
बहुत सारा आशीर्वाद उनसे पाइये।

आलोचनाओं से सुधार होता है

किसी को माफ़ किया जाता है,
पर विश्वास नहीं किया जाता है,
उसे और उसका व्योहार भूलकर,
जीवन में आगे बढ़ जाया जाता है।

आलोचना और प्रशंसा दोनों ही,
आलोच्य के हित में ही होती हैं,
आलोचनाओं से सुधार होता है,
प्रशंसा से प्राय: उत्साह बढ़ता है।

वैसे भी शिकायत कम, शुक्रिया
अधिक करने से दिलों के रिश्ते,
बड़ी ही आसानी से सुधर जाते हैं,
रिश्तों के भाव मधुर हो जाते हैं।

कथन ये कि सबसे ज्यादा सुलझे
हुए दिखने वाले लोग अपने अंदर
अथाह उलझनें लिए हुए होते हैं,
तीक्ष्ण व्यंग्य सत्य समेटे हुये है।

उलझने जिसके पास होती हैं,
उसे ही सुलझाना भी पड़ता है,
आदित्य उलझने सुलझाने वाला
शख़्स सुलझा हुआ कहलाता है।

•कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’