July 12, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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जनपद स्तरीय एकदिवसीय, प्रशिक्षण कार्यशाला का हुआ आयोजन

कुशीनगर(राष्ट्र की परम्परा) भूमि संरक्षण अधिकारी बी0 आर0 मौर्य ने बताया कि, वाटरशेड विकास घटक- प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना के अन्तर्गत शनिवार, 25 फरवरी को जिला पंचायत सभागार रविन्द्रनगर कुशीनगर में जनपद स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण / कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमे मुख्य अतिथि राजेश्वर सिंह, उपाध्यक्ष बीज विकास निगम उ0प्र0 के द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। योजना के कार्यान्वयन अधिकारी डा०वी०आर०मौर्य, भूमि संरक्षण अधिकारी कुशीनगर के द्वारा, योजना के बारे में वृहद जानकारी दी गई। भूमि संरक्षण अधिकारी कुशीनगर द्वारा अवगत कराया गया कि यह योजना जनपद के रामकोला, नेबुआ नौरंगिया एवं विशुनपुरा विकासखण्ड के कुल 64 ग्रामो मे संचालित है। जहा पर 3 माइकोवाटरशेड कमेटी गठित कर आस्था मूलक उत्पादन प्रणाली, जीवीकोपार्जन हेतु व्यवसाय एवं प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के साथ अन्य कार्य कराये जायेंगें। उप मुख्य पशुचिकित्साधिकारी द्वारा पशुपालन से आय कैसे बढ़ायी जाय के संबंध मे विस्तृत जानकारी दी गई। कृषि विज्ञान केन्द्र सरगटिया से आये वैज्ञानिक गण द्वारा बताया गया कि, रासायनिक उर्वरक न प्रयोग करते हुये गोबर की खाद एवं जैविक उर्वरको का प्रयोग कर, सब्जी एवं बागवानी कर किसान अपनी आय दुगुनी कर सकते है। फुलबदन कुशवाहा द्वारा अवगत कराया कि कृषि के साथ-साथ पशुपालन कर किसान अपनी आय दुगुनी कर सकते है, एवं वर्षा जल का संचय कर भूजल एवं भूमि का संरक्षण करे। मारकण्डेय शाही द्वारा अवगत कराया गया कि, इस योजना में कृषक की सहभागिता से किसानो की आय दुगुनी होगी। मुख्य अतिथि राजेश्वर सिंह द्वारा अवगत कराया गया कि उ0प्र0 सरकार द्वारा मोटे अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, कोदो, सावा इत्यादि के उत्पादन हेतु बढ़ावा दिया जा रहा है, और गरीब मुसहर समाज के 48 बच्चो को निशुल्क शिक्षा एवं सम्पूर्ण भार राज्य सरकार उठा रही है। भूमि एवं जल संरक्षण के संबंध मे लोगो को जागरूक होने का आहवान किया गया, साथ ही प्राकृतिक संसाधन के संरक्षण हेतु संकल्प भी दिलाया गया। आशीष कुमार, उप कृषि निदेशक कृशीनगर सदस्य सचिव डब्लू सी डी सी-पीएम के एस वाई-2.0 के द्वारा अवगत कराया कि, चयनित वाटरशेड पांच वर्षो मे समेकित की जायेगी। जहां पर उत्पादन प्रणाली, जीवीकोपार्जन हेतु व्यवसाय एवं प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के साथ अन्य कार्य कराये जायेगें । अन्त में उप कृषि निदेशक द्वारा समस्त उपस्थित अतिथियो, अधिकारियो एवं कृषको का आभार व्यक्त कर, कार्यशाला का समापन किया गया।